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फेस्टिवल सीजन : सपने करेंगी साकार, ये सेकेंड हैंड कार, यहां मारुति 800 से लेकर मर्सिडीज तक हैं उपलब्ध

पटना : फेस्टिवल सीजन में केवल नए ही नहीं बल्कि पुरानी यूज्ड कार की डिमांड भी पीक पर होती है. ऐसे में अगर आपका बजट कम है, तो राजधानी में आपके लिए यूज्ड कार भी एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. शहर में पुरानी कारों का मार्केट में अच्छा क्रेज है. सेकेंड हैंड कार लेना […]

पटना : फेस्टिवल सीजन में केवल नए ही नहीं बल्कि पुरानी यूज्ड कार की डिमांड भी पीक पर होती है. ऐसे में अगर आपका बजट कम है, तो राजधानी में आपके लिए यूज्ड कार भी एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. शहर में पुरानी कारों का मार्केट में अच्छा क्रेज है. सेकेंड हैंड कार लेना सिर्फ लो बजट वालों की ही नहीं बल्कि उनकी भी पसंद है, जो अलग-अलग कारों की ड्राइविंग का मजा लेने के शौकीन हैं.
शहर में यूज्ड कार का मार्केट काफी बड़ा है. इस मार्केट में आपको लॉ कॉस्ट से लेकर हाई कॉस्ट तक की कार आसानी से मिल जायेगी. इसमें मारुति 800 से लेकर ऑडी, मर्सिडिज, बीएमडब्ल्यू भी शामिल है. कई सेलर तो ऐसे हैं, जो दावा करते हैं कि हम मेट्रोपॉलिटन सिटी में ज्यादा दिखनेवाले कार जैसे जेगुआर, स्पोर्ट्स कार तक की डिमांड फुल-फिल कर सकते हैं. इसके यह साबित होता है कि शहर में कार का बाजार कितना बड़ा है.
प्रत्येक रविवार लगता है बाजार
पटना में यूं तो आपको हरेक दिन चौक-चौराहे पर सेल बोर्ड लगी कार दिख जायेंगी, लेकिन असली मार्केट तो रविवार के दिन देखने को मिलता है. बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड, एसकेपुरी पार्क एरिया, इनकम टैक्स पेट्रोल पंप एरिया, कंकड़बाग, पटना सिटी, कुर्जी जैसे जगहों पर यह बाजार लगता है.
एसकेपुरी पार्क के पास लक्ष्मी मोटर्स की लगभग 20 कार हर रविवार को खड़ी रहती है. इसके ऑनर दिलीप ठाकुर कहते हैं, सप्ताह में हरेक दिन लोग कार देखने आते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बिक्री का दिन रविवार ही होता है. हमारे पास डिमांड पर बीएमडब्ल्यू तक आसानी से मिल जाती है. कस्टमर्स को दिखाने के लिए हमने सबके सामने फोर्स की टॉप मॉडल, फॉर्च्यूनर और सभी लो सेगमेंट की कार लगा रखी हैं. हमारे पास 50 हजार से 20 लाख तक की कार एवलेबल है.
बाहर से भी सप्लाई होती हैं पुरानी कारें
शहर के कार सेलर का कहना है कि पुरानी कारों की डिमांड छोटे शहरों में ज्यादा है, क्योंकि वहां मिडियम और लोअर इनकम वाले लोग ज्यादा होते हैं.
सप्लाय की बात करें तो ऐसे लोग जो नयी कार ले रहे हैं या पुरानी कार को नहीं रखना चाहते, ऐसे लोग ही कार को शहर के सेलर्स को सप्लाय करते हैं. वे सेलर्स उसे बेहतर बना कर मार्केट में लगाते हैं. एक आंकड़े में आया कि पुरानी कार की सेल-परचेज के मामले में उत्तर भारत (36 फीसदी) सबसे आगे है.
ऑडी, मर्सिडीज ऑन स्पॉट देखिए
बोरिंग कैनाल रोड पर कार बाजार के नाम से मार्केट लगता है. इसके ऑनर विद्रोही हैं. इस मार्केट में आपको ऑडी, मर्सिडीज कार ऑन स्पॉट देखने को मिल जायेगा. विद्रोही कहते हैं, हमारे कार बाजार में हरेक कस्टमर के मुताबिक कार मौजूद है. लोगों को हम ऑडी, मर्सिडीज से लेकर सभी कार का टेस्ट ड्राइव देते हैं. पटना में हमने कई लोगों को यूज्ड कार दिया है.
पुरानी कार के ये बड़े फायदे
प्रीमियम ब्रांड का मजा लो कॉस्ट में अवेलेबल होता है.
ड्राइविंग सीखते समय होने वाले डैमेज से कम हानि होती है.
एक्स-शो रूम कीमत से 50 फीसदी तक सस्ती होती है.
अच्छी री-सेल वैल्यू वाले मॉडल्स
आमतौर पर कम कीमत वाली, कम चली हुई, फैमिली ऑन्ड या दो से तीन साल तक पुरानी कारों की अच्छी कीमत मिल जाती है. मारुति, ह्युंडई और टोयोटा जैसे ब्रांड टॉप पर हैं.
रीसेल वैल्यू के लिहाज से शेवरले बीट, महिंद्रा एक्सयूवी 500, टोयोटा इटियस काफी अच्छी हैं. शहरों में स्विफ्ट डिजायर, होंडा सिटी जैसी एंट्री लेवल की सेडान, जबकि गांवों में मल्टी यूटिलिटी व्हीकल्स जैसे इनोवा, स्कॉर्पियो, बोलेरो आदि की मांग ज्यादा रहती है. इनके अलावा वैगन-आर, सेंट्रो, अल्टो, बलेनो, ब्रीज, ह्युंडाई आई-10, आई-20, वरना आदि की एवरग्रीन डिमांड वाले मॉडल्स हैं.
पेट्रोल वैरियेंट को मिल रही तरजीह
इंजन वैरियेंट की बात करें तो पहले डीजल सस्ता होने से डीजल कारों की डिमांड ज्यादा थी, लेकिन अब पेट्रोल-डीजल का अंतर महज कुछ रुपये के करीब रह गया है.
पर सोच-समझ कर लें कार
बोरिंग कैनाल रोड बिकानेर शॉप के पास कात्यायिनी मोटर्स की कार आप देख सकते हैं. इनके ऑनर श्वेतांक शेखर कहते हैं, ये बताते हैं कि, हम लोगों को ऐसी कार अवेलेबल कराते हैं, जो एक्सिडेंटल ना हो. हम यह भी ख्याल रखते हैं कि जिस कार का पेपर वर्क बेहतर होता है, हम उसी कार को लोगों को देते हैं. इससे मार्केट में तवज्जो बरकरार रहता है. हमारे पास 60 हजार रुपये से लेकर कस्टमर के बजट के अनुसार सारी गाड़ियां एवलेबल है.
स्मार्ट डिसीजन है पुरानी कार लेना
कई मायनों में सेकेंड हैंड कार खरीदना एक स्मार्ट डिसीजन है. यदि आपका बजट कम है, फैमिली मेंबर्स ड्राइविंग सीख रहे हैं, बार-बार कार बदलने के शौकीन हैं, तो पुरानी कार बेहद फायदेमंद है. ड्राइविंग सीखते समय कार में डैमेज होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है, जिससे कार की कीमत तेजी से गिर जाती है, जबकि पुरानी कार में डैमेज से उतना नुकसान नहीं होता है. नयी कार के शो-रूम से उतरते ही कीमत 20 फीसदी तक कम हो जाती है.
पुरानी कार खरीदते समय बरतें सावधानी
अच्छी डील के लिए जरूरी है कि सेकेंड हैंड कार किसी परिचित या अच्छी मार्केट गुडविल वाले यूज्ड कार डीलर से खरीदी जाये. सभी पेपर्स की जांच ठीक से करें.
खरीदने से पहले किसी विश्वसनीय मैकेनिक से चेक करवाएं और इंस्पेक्शन रिपोर्ट लें. यदि संभव हो, तो सर्विसिंग रिकॉर्ड लें और ओडोमीटर भी चेक करवाएं. अच्छे से चेक करें कि कार में तत्काल किसी मेजर रिपेयरिंग की जरूरत तो नहीं है.
यदि आप किसी डीलर से कार खरीद रहे हैं, तो कोशिश करें कि आपको कम-से-कम तीन महीने या एक साल तक की वारंटी मिले. इसके अलावा किसी एक्सपर्ट ड्राइवर से टेस्ट ड्राइव लेने को कहें और खुद भी टेस्ट ड्राइव लें ताकि ड्राइविंग कंफर्ट के साथ अन्य अहम कसौटियों पर भी जांच सकें. सही कीमत जाननी है, तो दूसरे डीलर्स को बेचने के लिए दिखाएं इससे सही मार्केट वैल्यू पता चलेगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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