शेयर बाजारों में लगातार छठे दिन गिरावट, सेंसेक्स 27 अंक टूटा, निफ्टी में भी सुस्ती

मुंबई : शेयर बाजारों में मंगलवारको लगातार छठे दिन गिरावट जारी रही और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 27 अंक की गिरावट के साथ करीब एक महीने के न्यूनतम स्तर 31,599.76 अंक पर बंद हुआ. विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव की वजह से यह गिरावट आयी. बंबई शेयर बाजार का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2017 6:56 PM

मुंबई : शेयर बाजारों में मंगलवारको लगातार छठे दिन गिरावट जारी रही और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 27 अंक की गिरावट के साथ करीब एक महीने के न्यूनतम स्तर 31,599.76 अंक पर बंद हुआ. विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव की वजह से यह गिरावट आयी. बंबई शेयर बाजार का तीस शेयरोंवाला सेंसेक्स 26.87 अंक या 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,599.76 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 31,693.59 से 31,455.65 के दायरे में रहा. कमजोर वैश्विक रुख और विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने से पिछले पांच सत्रों में सेंसेक्स 797.13 अंक नीचे आ चुका है. पचास शेयरोंवाला एनएसइ निफ्टी 1.10 अंक या 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,871.50 अंक पर बंद हुआ. सत्र के दौरान यह 9,891.35 से 9,813 अंक के दायरे में रहा.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज लि के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, बाजार में कारोबार के दौरान गिरावट से कुछ सुधार आया और यह लगभग स्थिर बंद हुआ. इसका कारण हाल में कुछ शेयरों में आयी गिरावट के बाद उनकी लिवाली है. हालांकि, वैश्विक बाजार में हल्के रुख, मुद्रा में गिरावट तथा डेरिवेटिव खंड में अनुबंधों की समाप्ति से पहले उतार-चढ़ाव से बाजार पर असर पड़ा. शेयर बाजारों से प्राप्त अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली की. उन्होंने 1,249.45 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. लेकिन, दूसरी तरफ घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,009.98 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे. इस बीच, कोरियाई द्वीप में तनाव के कम नहीं होने के संकेत से भी बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. कारोबारियों के अनुसार कई प्रमुख कंपनियों के साथ मझोली कंपनियों के शेयरों में लंबे समय से तेजी की चिंता के बीच बिकवाली दबाव देखा गया.

हालांकि, कारोबार के अंतिम समय में हाल में आयी गिरावटवाले प्रमुख कंपनियों के शेयरों की लिवाली से गिरावट पर थोड़ा अंकुश लगा. इसके अलावा, अमेरिकी डाॅलर के मुकाबले रु़पये की गिरावट के साथ छह महीने के न्यूनतम स्तर 65.45 पर पहुंचने तथा तुर्की की चेतावनी के बाद कच्चे तेल के दाम में तेजी से भी निवेशकों की धारणा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. तुर्की ने कहा कि वह कुर्दीश तेल निर्यात को बंद करेगा. ब्रेंट आॅयल वैश्विक बाजार में दो साल के उच्च स्तर 59.33 प्रति बैरल पर पहुंच गया. एशियाई विकास बैंक द्वारा देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटा कर 7.0 प्रतिशत किये जाने से भी धारणा प्रभावित हुई.

जिन प्रमुख शेयरों में गिरावट आयी, उसमें हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, डाॅ रेड्डी, टीसीएस और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल हैं. सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी 4.32 प्रतिशत मजबूत होकर 171.55 रपये पर पहुंच गया. कंपनी एचपीसीएल में 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी जिससे उसके शेयर में तेजी आयी.

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