अर्थव्यवस्था को गति देने मोर्चे पर अरुण जेटली, कहा – सरकारी कंपनियां बढ़ायें पूंजी खर्च

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों (सीपीएसइ) की पूंजी व्यय योजना की समीक्षा की और उनसे व्यय बढाने को कहा ताकि अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके. इसका कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही जीडीपी वृद्धि दर के घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आना है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2017 6:08 PM

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों (सीपीएसइ) की पूंजी व्यय योजना की समीक्षा की और उनसे व्यय बढाने को कहा ताकि अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके. इसका कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही जीडीपी वृद्धि दर के घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आना है. एक घंटे की इस बैठक में विभिन्न सार्वजनिक कंपनियों ने अपने पूंजीगत व्यय की स्थिति रपट पेश की.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीपीएसइ से मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य पर कायम रहने को कहा गया है. बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ साथ ओएनजीसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल, एनटीपीसी, सेल, कोल इंडिया व हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड सहित अन्य कंपनियों के आला अधिकारी मौजूद थे.

एनएलसी इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक एस के आचार्य ने बैठक के बाद कहा कि यह बैठक पूंजीगत व्यय के बारे में थी और चूंकि देश वृद्धि की राह पर है इसलिए कंपनियों को पूंजी खर्च बढाने की सलाह दीगयी है. उन्होंने कहा कि बैठक में देश को और ऊंची वृद्धि दर पर ले जाने के लिए पूंजीगत व्यय बढाने की प्रतिबद्धता जतायी गयी.

क्या कंपनियों से विशेष लाभांश की मांग की गयी यह पूछे जाने पर आचार्य ने कहा कि लाभांश दिशा-निर्देशों के अनुसार ही होगा. भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड बीइएल के चेयरमैन के प्रबंध निदेशक एम वी गौतम ने कहा- सीपीएसइ अपने सालाना पूंजी व्यय को पहले ही बढ़ा चुकी हैं. सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हम पटरी पर हैं. हमें तो पहले ही महत्वाकांक्षी परियोजनाएं दीगयी हैं और सरकार अब समीक्षा कर रही है.

निजी निवेश में कमी के बीच सार्वजनिक खर्च व सीपीएसइ से निवेश के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बल मिलने की उम्मीद है. बजटीय अनुमानों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में उपक्रम व अन्य निवेश 67,529 करोड़ रुपये रहेगा.

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