10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

10 प्वाइंट में पढ़ें- GST में बदलाव से क्या-क्या हुआ सस्ता

नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को लेकर लगातार निशाने पर रही केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले शुक्रवार को आयोजित जीएसटी परिषद की बैठक में बड़ी राहत की घोषणा की है. दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित जीएसटी कौंसिल की बैठक में सरकार ने छोटे कारोबारियों और ज्वेलर्स को राहत […]

नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को लेकर लगातार निशाने पर रही केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले शुक्रवार को आयोजित जीएसटी परिषद की बैठक में बड़ी राहत की घोषणा की है. दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित जीएसटी कौंसिल की बैठक में सरकार ने छोटे कारोबारियों और ज्वेलर्स को राहत दी है.

आइये बिंदुवार जानें जीएसटी परिषद की बैठक की बड़ी बातें.

1. सरकार ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था में लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) को शुक्रवार को बड़ी राहत दी. जीएसटी परिषद ने कंपोजिशन योजना अपनाने वाली कंपनियों के लिये कारोबार की सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी. इस योजना के तहत एसएमई को कड़ी औपचारिकताओं को पूरा किये बिना एक से पांच प्रतिशत के दायरे में कर भुगतान की सुविधा दी गई है.

छोटी इकाइयों और कारोबारियों की जीएसटी व्यवस्था में अनुपालन बोझ को लेकर शिकायत थी. परिषद ने उन करदाताओं को तथाकथित कपोजिशन स्कीम का विकल्प देने का फैसला किया है जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये या उससे कम है. अब तक यह सीमा 75 लाख रुपये थी.

2. निर्यातकों को आईजीएसटी (एकीकृत माल एवं सेवा कर) राहत और ई-वालेट सुविधा मिलेगी. जीएसटी परिषद ने रेस्तरां के लिये जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने पर विचार के लिये एक समिति भी गठित की है. कुल 90 लाख पंजीकृत इकाइयों में से अब तक 15 लाख ने कंपोजिशन योजना का विकल्प चुना है.

3. ज्वैलरी कारोबार को पीएमएलए के दायरे से बाहर कर दिया गया है. जीएसटी में बदलाव के बाद अब 2 लाख रुपये तक की ज्वैलरी की खरीदारी पर पैन देना जरूरी नहीं होगा. पहले 50 हजार रुपये से ज्यादा की खरीदारी पर पैन देना अनिवार्य था.

4. बैठक में आम सहमति बनी है जिसमें अब हर 3 महीने में रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था की गयी है. 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर पर हर 3 महीने में रिटर्न भरनी होगी. पहले हर महीने रिटर्न भरनी पड़ती थी.

5. निर्यातकों को 6 महीने के लिए राहत, 6 महीने बाद हर एक निर्यातक को ई-वॉलेट मिलेगा. ई-वॉलेट सिस्टम 1 अप्रैल 2018 से पूरी तरह लागू हो जाएगा.

6. रेस्त्रां के टैक्स सिस्टम में बदलाव किया गया है. अब मालिकों को 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा.

7. आम, खाखरा और आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी की दर 12 से 5 फीसदी की गई है. स्टेशनरी के कई सामान पर जीएसटी 28 से 18 प्रतिशत कर दी गई है. हाथ से बने धागों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत कर दी गई है.

8. प्लेन चपाती पर जीएसटी 12 से 5 प्रतिशत कर दी गई है. किड्स फूड पैकेट पर जीएसटी 18 से 5 प्रतिशत की गई है.

9. डीजल इंजन के पार्ट्स पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगी. साथ ही दरी (कारपेट) पर जीएसटी की दर को 12 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है.

10. व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न के लिए एक ही फॉर्म भरना होगा

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें