पत्रकार बनना चाहती थीं SBI की पूर्व चेयरमैन अरूंधति भट्टाचार्य

नयी दिल्ली : भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के पहले महिला चेयरमैन अरूंधति भट्टाचार्य रिटायर हो गयी. सेवानिवृत्त के दिन उन्होंने पीटीआई को दिये साक्षात्कार में अपनी लंबी पारी का जिक्र करते हुए कहा कि वह पत्रकार बनना चाहती थीं. उनके शिक्षक कहते थे कि वह संपादक-मटेरियल थी. वह बैंकिंग क्षेत्र में अपने प्रवेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2017 7:54 AM

नयी दिल्ली : भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के पहले महिला चेयरमैन अरूंधति भट्टाचार्य रिटायर हो गयी. सेवानिवृत्त के दिन उन्होंने पीटीआई को दिये साक्षात्कार में अपनी लंबी पारी का जिक्र करते हुए कहा कि वह पत्रकार बनना चाहती थीं. उनके शिक्षक कहते थे कि वह संपादक-मटेरियल थी. वह बैंकिंग क्षेत्र में अपने प्रवेश को दुर्घटनावश बताती है. लेकिन यह उनके लिए बुरा नहीं रहा है और एसबीआई के शीर्ष तक गयीं. बैंक के हर विभाग में अपनी छाप छोड़ने के बाद अब वह बैंकिंग और वित्त में पीएचडी करने की योजना बना रही हैं.

देश के सबसे बडे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन पद से आज सेवानिवृत हुईं अरंधति भट्टाचार्य ने कहा कि वह अपने पीछे दो एजेंडे- डिजिटलीकरण और ऋण मांग में वृद्धि को छोडकर जा रही हैं. बैंक के 214 वर्ष के इतिहास में वह पहली महिला चेयरमैन थीं. चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद आज वह सेवानिवृत्त हो गयीं. मीडिया से अंतिम बार मुखातिब होते हुए भट्टाचार्य ने कहा, एक जिंदगी में ऐसा कोई पद नहीं है, जहां पहुंचकर कोई यह कह सके कि अब एजेंडा खत्म हो गया है. दरअसल, होता यह है कि आप एक एजेंडे से शुरु करते हैं और जैसे-जैसे आप आगे बढते हैं, आप इसमें जोडते जाते हैं. हम डिजिटल मोर्चे पर कुछ देना चाहते थे जो कि वास्तव में अलग था और जुलाई में कुछ समय के लिये ऐसा हुआ भी.
अब, इसमें थोडी देर हो गयी है क्योंकि परियोजना का दायरा बढ गया है. जाहिर है कि यह अधूरा एजेंडा है, लेकिन यह मायने नहीं रखता क्योंकि हमने इस दिशा में काफी प्रगति की है. भट्टाचार्य ने आगे कहा कि महत्वपूर्ण और बडे कदम उठाये जाने के बावजूद बैंक की ऋण मांग वृद्धि ज्यादा बेहतर नहीं हो सकी. उन्होंने कहा, हालांकि, हमने जोखिम की निगरानी, प्रक्रियाओं में सुधार और अनुवर्ती प्रक्रियाओं को सुधारने के लिये हमने हर सभंव प्रयास किया। लेकिन उस समय हम ऋण वृद्धि को उस स्तर पर नहीं ला सके जहां हम चाहते थे. इसलिये यह भी एक अधूरा एजेंडा है.
उन्होंने आगे कहा कि बैंक ने अच्छा, बुरा और उदासीन सभी दौर देंखे. यह रोचक के साथ-साथ बहुत ही मुश्किल यात्रा रही, लेकिन मझे लगता है कि हम इससे अच्छी तरह से बाहर निकल गये. एसबीआई की पहली महिला चेयरमैन अरंधति भट्टाचार्य स्टेट बैंक के साथ प्रोबोशनरी ऑफिसर के रुप में जुडने के बाद आज 40 साल, एक महीने और दो दिन बाद सेवानिवृत्त हो गयीं. एसबीआई की उनकी यात्रा बैंक की मुख्य शाखा कलकत्ता से शुरू हुयी और क्लाउड कम्प्यूटिंग के साथ खत्म हुई.

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