वाशिंगटन: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि हाल ही में लागू हुएवस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को बेपटरी करने के प्रयासों के बावजूद राज्य इसनयी व्यवस्था को तेजी से अपना रहे हैं. जेटली ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के चंद्रजीत बनर्जी और पेपाल के सीईओ एवं अध्यक्ष डान शिल्मैन के साथ बातचीत में जीएसटी के समक्ष सर्वाधिकबड़ी चुनौतियों सेजुड़े एक सवाल के जवाब में यह बात कही. वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्विक एकीकरण ऐसे वक्त में हो रहा है जब अन्य अर्थव्यवस्थाएं अधिक संरक्षणवादी हो रही हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पिछले तीन वर्ष में सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों के कारण भारत अब व्यापार के लिए बेहतर स्थान बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रकियाओं को सरल किया गया है. जेटली ने कहा कि अब लगभग 95 फीसद निवेश स्वत: आ रहा है और विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड को समाप्त कर दिया गया है. आज कर सेजुड़े 99 फीसदी सवालों को ऑनलाइन सुलझा लिया जाता है. कार्यक्रम का आयोजन सीआइआइ और यूएस इंडिया बिजनस परिषद (यूएसआइबीसी) के संयुक्त तत्वावधान में न्यूयॉर्क में किया गया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत अब बड़े फैसले लेने और उन्हेंबड़े पैमाने पर लागू करने में सक्षम है. कम से कम 250 राजमार्ग परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. भारत के पास अब अधिशेष बिजली है और भारतीय बंदरगाहों की क्षमता का विस्तार किया गया है. डिजिटल भुगतान से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि युवा पीढी भुगतान के नए तरीकों को बड़े पैमाने पर अपना रही है. जेटली ने कहा कि इसके अलावा सभी सरकारी लाभों को सीधे बैंक खातों से जोड़ दिया गया है. बैंक खाताधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कम लागत वाली बीमा योजनाएं पेश की हैं.
जेटली सुबह यहां पहुंचे थे और उन्होंने आर्थिक सुधार पहलों पर अमेरिकी निवेशकों को संबोधित किया. आज वह कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करेंगे. वित्त मंत्री यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक में शामिल होने के लिए आएं हैं. लेकिन सालाना बैठक में शामिल होने के लिए वाशिंगटन डीसी पहुंचने से पहले वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करने के लिए बोस्टन जाएंगे साथ ही बोस्टन में अमेरिकी कारोबारी समुदाय से भी बातचीत करेंगे. वाशिंगटन में तीन दिवसीय प्रवास के दौरान जेटली अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विल्बर रोस के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. इसके अलावा वह फिक्की की ओर से आयोजित इंडियन ऑपरच्यूनिटी कान्फ्रेंस में संवाद संगोष्ठी में शामिल होंगे. साथ ही 12 अक्तूबर को जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंकों के गवर्नरों के वर्किंग डिनर में शामिल होंगे.
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