इंडसइंड बैंक करेगा भारत फाइनेंशियल का अधिग्रहण, एक भी कर्मचारी को बाहर नहीं निकाला जायेगा

मुंबई : निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक ने आज कहा कि वह देश की दूसरी सबसे बड़ी सूक्ष्म ऋण देने वाली कंपनी भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) का अधिग्रहण करेगा. यह सौदा अगले 10 महीने में पूरा होने की उम्मीद है. यह देश में किसी सूक्ष्म ऋण प्रदाता कंपनी का किसी बैंक में विलय का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2017 7:47 AM

मुंबई : निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक ने आज कहा कि वह देश की दूसरी सबसे बड़ी सूक्ष्म ऋण देने वाली कंपनी भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) का अधिग्रहण करेगा. यह सौदा अगले 10 महीने में पूरा होने की उम्मीद है. यह देश में किसी सूक्ष्म ऋण प्रदाता कंपनी का किसी बैंक में विलय का पहला मामला होगा साथ ही यह भविष्य में इस तरह के सौदों के लिए मिसाल का काम करेगा. बीएफआईएल को इससे पहले एसकेएस माइक्रोफाइनेंस के नाम से जाना जाता रहा है. यह सूक्ष्म ऋण क्षेत्र का अब तक का सबसे बडा अधिग्रहण एवं विलय होगा.


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इंडसइंड बैंक के प्रबंध निदेशक रमेश सोबती ने विलय की घोषणा करते हुए कहा कि भारत फाइनेंशियल के शेयरधारकों को प्रति 1000 शेयर पर इंडसइंड बैंक के 639 शेयर मिलेंगे. उन्होंने आगे कहा कि इस विलय के बाद भारत फाइनेंशियल का हर कर्मचारी इंडसइंड बैंक का कर्मचारी हो जाएगा और एक भी कर्मचारी को बाहर नहीं निकाला जाएगा.
बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है कि उसके निदेशक मंडल ने बैठक में भारत फाइनेंशियल और इंडस्इंड बैंक के लिए एक संयुक्त व्यवस्था योजना को स्वीकृति दी है. बैंक की एक पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई इस अधिग्रहण के लिए बनाई जाएगी. योजना को अभी रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, सेबी एवं अन्य नियामकों की मंजूरी मिलनी शेष है.
सूचना में कहा गया है, रिजर्व बैंक की मंजूरी मिलने के बाद लागू प्रावधानों के तहत व्यवस्था योजना की जानकारी शेयर बाजारों को दी जाएगी. योजना के तहत भारत फाइनेंशियल का इंडसइंड में विलय होगा तथा उसके शेयरधारकों को स्वीकृत अदला-बदली अनुपात के तहत इंडसइंड के शेयर दिये जाएंगे. पिछले महीने दोनों कंपनियों ने विलय की संभावना के बारे में बातचीत शुरु की थी.
भारत फाइनेंशियल जिसे पहले एसकेएस माइक्रोफाइनेंस के नाम से जाना जाता रहा है, के पास 30 जून तक 68 लाख ग्राहक एवं 7709 करोड रुपये का ऋण पोर्टफोलियो था. इस सूक्ष्मवित्त कंपनी को जून में समाप्त तिमाही में 37 करोड रुपये का घाटा हुआ था. हालांकि, एक साल पहले इसी अवधि में उसका घाटा 236 करोड रुपये रहा था. वर्ष 2016-17 में कंपनी ने 290 करोड़ का लाभ हासिल किया

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