नयी दिल्ली : आर्थिक मोर्चे पर लगातार परेशानी झेल रही मोदी सरकार के लिए आने वाले साल बेहद मुश्किल भरे हो सकते हैं. आर्थिक
आर्थिक खबरों पर काम करने वाली प्रतिष्ठित संस्था ब्लूमबर्ग द्वारा जारी रिपोर्ट में नौकरियों की कमी को लेकर पैदा खतरों को लेकर टिप्पणी की गयी है. ब्लूमबर्गने सरकार को चेताया है और कहा है जिस युवा आबादी के भरोसे भारत विकसित अर्थव्यवस्था बनने का सपना सरकार देख रही है, जल्द ही यह आबादी बोझ बन सकती है. 2026 में भारत की कुल आबादी की 64 प्रतिशत 15-59 वर्ष के बीच होगी. दुनिया भर में यह आबादी सबसे बड़ी वर्किंग आबादी होगी.
हर महीने दस लाख युवा रोजगार मार्केट में आते हैं. ऐसे वक्त में जब 69 प्रतिशत नौकरियां ऑटोमेशन की वजह से खतरे पर है, वहां नये नौकरियों का नहीं आना चिंता का विषय बन सकता है. बता दें कि सरकार ने स्किल इंडिया के तहत लोगों के कौशल विकास को लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चला रखा है. सरकार द्वारा चलायी जा रही स्कीम स्किल इंडिया के तहत तीस लाख लोगों को ट्रेनिंग दिया जा चुका है. इनमें 90 प्रतिशत लोगों को नौकरियां नहीं लगी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, भारत के पास अगले 10 या 20 साल में उच्च स्तर तक वृद्धि हासिल करने की क्षमता
ब्लूमबर्ग के मुताबिक नौकरी के क्षेत्र में भारत तीन – चार मोर्चे पर संघर्ष कर रही है. इनमें खराब प्रबंधन, फंडिग व इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी शामिल है. भारत के पास योग्य ट्रेनरों की भी भारी कमी है. नये लोग जिन्हें स्किल की ट्रेनिंग दी जा रही है, उनके पास नौकरियों की कमी की वजह से स्किल इंडिया कार्यक्रम का उत्साह ठंडा पढ़ चुका है. मामले की गंभीरता को देखते हुए नरेंद्र मोदी ने हाल ही में स्किल डेवलेपमेंट मंत्री राजीव प्रताप रूडी की छुट्टी कर दी थी. भारत के नये स्किल डेवलेपमेंट मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि हम स्किल इंडिया के लिए इको सिस्टम को बेहतर बनाने को लेकर काम करेंगे.
स्किल इंडिया को लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम को लेकर कई शेयरधारकों को स्टेकहॉल्डर से जब ब्लूमबर्ग ने सवाल पूछा तो बताया कि हमें जो लक्ष्य दिया गया है. वह बहुत ज्यादा है. हर कोई सिर्फ नंबर का पीछा कर रहा है. स्किलिंग के पहले किस सेक्टर में कितनी जरूरत है पर ध्यान देना चाहिए.
स्किल कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के निदेशक सुगाता राय चौधरी ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती यह कि हम किस तरह से अच्छे अभ्यर्थियों का स्किल डेवलप कर सके. उन्हें क्वालिटी ट्रेनिंग देकर, बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर, ट्रेनर की क्षमता बढ़ाकर और उन्हें इंडस्ट्री से जोड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.