वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भारत को एक स्वतंत्र राजकोषीय परिषद के गठन का सुझाव दिया है. आईएमएफ ने कई देशों में इसे लागू किया गया है. उन देशों में इस संस्थान ने बेहतर नतीजे देने में योगदान दिया है. आईएमएफ के राजकोषीय विभाग के निदेशक विटोर गैस्पर ने कहा कि भारत काफी बेहतर राजकोषीय एकीकरण में शामिल है. हम इसे अच्छा मानते हैं.
गैस्पर ने कहा कि भारत ने सार्वजनिक ऋण की सीमा को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अधिकतम 60 फीसदी तक सीमित रखने को स्वीकार किया है. हमारा मानना है कि यह उचित है. यह कुछ ऐसा है, जिससे भारत को अपने सार्वजनिक बांड को सुरक्षित परिसंपत्ति के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी. आगे की प्रगति पर गैस्पर ने कहा कि भारत को अपने वित्तीय संस्थानों को संघ और राज्य दोनों के स्तर पर मजबूत करने की जरूरत है.
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उन्होंने सुझाव दिया कि राजकोषीय दायित्व रूपरेखा को मजबूत करने के परिप्रेक्ष्य में भारत को स्वतंत्र राजकोषीय परिषद की स्थापना पर विचार करना चाहिए. गैस्पर ने कहा कि आईएमएफ ने अन्य राष्ट्रों के अनुभव से देखा है कि इससे आम जनता के प्रति पारदर्शिता तथा जवाबदेही में सुधार लाने में मदद मिलती है. इसके अलावा, इससे देश में नीति पर बहस की गुणवत्ता भी सुधरती है. उन्होंने कहा कि जहां तक राजकोषीय अनुशासन का सवाल है, हालिया कदम सही दिशा में उठाये गये कदम हैं. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद चार विचार-विमर्श के परिप्रेक्ष्य में स्वतंत्र राजकोषीय परिषद का मुद्दा भारत के साथ उठाया गया है.
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को पेश करने को वृहद आर्थिक दृष्टि से उल्लेखनीय बताते हुए गैस्पर ने कहा कि यह एक बड़ा बदलाव है. जीएसटी भारत में एक बाजार बनायेगा. यह देश का अधिक एकीकरण करेगा. ऐसे में मध्यम से दीर्घावधि की दृष्टि से यह कुछ ऐसा है, जो वृद्धि को प्रोत्साहन देगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी को एक जुलाई को पेश किया गय है. ऐसे में इसके कामकाज को लेकर सीखने का अनुभव मिलेगा. इसी सीखने के अनुभव से ही समाधान भी मिलेगा.
नोटबंदी के बारे में एक सवाल पर गैस्पर भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति आशान्वित दिखाई दिये. उन्होंने कहा कि इससे नकदी की कमी के कुछ मामले हुए. गैस्पर ने कहा कि जीएसटी, नोटबंदी, सार्वजनिक प्रशासन के डिजिटलीरकण, आमदनी समर्थन के उचित लक्ष्य, कामकाज में समर्थन के कार्यक्रम समावेशन तथा वृद्धि की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. वृद्धि का लाभ आबादी के एक हिस्से को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में प्रशासन के कामकाज में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की प्रक्रिया सफलतापूर्वक शुरू हो चुकी है.
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