नयी दिल्ली :सरकार अगस्त और सितंबर महीने के लिये शुरुआती जीएसटी रिटर्न भरने में देरी को लेकर कंपनियों से जुर्माना नहीं वसूलेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर लिखा है, करदाताओं को सुविधा देते हुए जीएसटीआर-3बी भरने के लिये विलम्ब शुल्क को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि कंपनियों से जो विलम्ब शुल्क (लेट फी) पहले ही लिये जा चुके हैं, उसे उनके खातों में वापस कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि अरुण जेटली का यह ट्वीट ऐसे समय आया है. जब पहले से ही सरकार जीएसटी के क्रियान्वन को लेकर आलोचना झेल रही है. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने पिछले दिनों जीएसटी में होने वाले खामियों को स्वीकारा था. राजस्व सचिव ने कहा कि नये माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने के बाद अब लघु और मझौले उद्योगों के बोझ को कम करने के लिए कर दरों में पूरी तरह बदलाव करने की जरूरत है.
हर दिन जुर्माने के रूप में लगता है 100 रुपये
जीएसटी रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर थी लेकिन सर्वर में गड़बड़ी होने की वजह से कारोबारी टैक्स भर नहीं पाये हैं. कारोबारियों को हर रोज पेनाल्टी के रूप में 100 रुपये चुकाने होते थे. सबसे ज्यादा दिक्कत छोटे व्यपारियों को होता था. उनके पास संसाधन का आभाव है. इसके पहले भी जुलाई महीने में सरकार ने लेट फीस माफ कर दी थी.
सरकार अगस्त और सितंबर महीने के लिये शुरुआती जीएसटी रिटर्न भरने में देरी को लेकर कंपनियों से जुर्माना नहीं वसूलेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर लिखा है, करदाताओं को सुविधा देते हुए जीएसटीआर-3बी भरने के लिये विलम्ब शुल्क को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि कंपनियों से जो विलम्ब शुल्क (लेट फी) पहले ही लिये जा चुके हैं, उसे उनके खातों में वापस कर दिया जाएगा. इससे पहले, सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत जुलाई महीने के रिटर्न फाइल करने में देरी को लेकर लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया था. कंपनियों की यह मांग रही है कि सरकार 3बी रिटर्न भरने में देरी को लेकर लगने वाले जुर्माने को समाप्त करे. आंकडों के अनुसार जुलाई के लिये 55.87 जीएसटीआर-3बी भरे गये.
वहीं अगस्त और सितंबर के लिये क्रमश: 51.37 लाख और 42 लाख रिटर्न दाखिल किये गये. उचित कर के भुगतान के बाद संबंधित महीने के लिये शुरुआती रिटर्न जीएसटीआर-3बी अगले महीने की 20 तारीख तक भरा जाना है. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के पास उपलब्ध आंकडे के अनुसार भारी संख्या में कंपनियों ने निश्चित तारीख खत्म होने के बाद रिटर्न भरे.जुलाई महीने के लिये केवल 33.98 लाख रिटर्न भरे गये, वहीं बाद में यह संख्या बढकर 55.87 लाख तक पहुंच गयी. इसी प्रकार, अगस्त महीने में 28.46 लाख रिटर्न अंतिम तारीख तक भरे गये लेकिन बाद में यह आंकड़ा 51.37 लाख पहुंच गया.सितंबर महीने में यही स्थिति रही. अंतिम तारीख तक 39.4 लाख रिटर्न फाइल किये गये जबकि कल तक संख्या बढकर 42 लाख पहुंच गयी.
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