मोदी सरकार ने पेश किया देश की अर्थव्यवस्था का रोड़मैप, जानें 5 ख़ास बातें

नयी दिल्ली : देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को लेकर चौरफा हमला झेल रही केंद्र सरकार ने मंगलवार को अपना अर्थव्यवस्था रोड़मैप पेश किया. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने घरेलू अर्थव्यवस्था की बुनियादी हालात को मजबूत बताया और कहा, आर्थिक वृद्धि की गति को और तेज बनाये रखने के उपाय किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2017 7:55 PM

नयी दिल्ली : देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को लेकर चौरफा हमला झेल रही केंद्र सरकार ने मंगलवार को अपना अर्थव्यवस्था रोड़मैप पेश किया. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने घरेलू अर्थव्यवस्था की बुनियादी हालात को मजबूत बताया और कहा, आर्थिक वृद्धि की गति को और तेज बनाये रखने के उपाय किये जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत पिछले तीन साल से सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है और आने वाले वर्षों में इस रफ्तार को बनाये रखने के लिये प्रयास जारी हैं. जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी. आइये इससे जुड़ी खास बातों पर एक नजर डालें.

1. आर्थिक मामलों के सचिव एस.सी. गर्ग ने बताया, मुद्रास्फीति वर्ष 2014 से लगातार नीचे आ रही है और चालू वित्त वर्ष में भी यह चार प्रतिशत से ऊपर नहीं जायेगी. चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा दो प्रतिशत से कम होगा और विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डालर से अधिक हो चुका है.

2. राजकोषीय घाटे के बारे में गर्ग ने कहा कि सरकार इसे चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.2 प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में रखने के लिये प्रतिबद्ध है. हालांकि, सरकार दिसंबर में इसकी समीक्षा करेगी. उन्होंने कहा कि जीडीपी वृद्धि में आई सुस्ती अब समाप्त हो चली है और अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ने लगी है.

3. गर्ग ने कहा कि सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिये तय 72,500 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल कर लेने का भरोसा है. वित्त सचिव अशोक लवासा ने इस अवसर पर कहा कि इस वित्त वर्ष में अब तक सरकारी खर्च 11.47 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. चालू वित्त वर्ष के लिये कुल खर्च 21.46 लाख करोड़ रुपये रखा गया है. वर्ष के दौरान 3.09 लाख करोड़ रुपये के पूंजी व्यय लक्ष्य के समक्ष अब तक 1.46 लाख करोड़ रुपये का खर्च किया जा चुका है.

4. केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों ने 3.85 लाख करोड़ रुपये के उनके व्यय लक्ष्य से 1.37 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किये हैं. लवासा ने कहा कि अगले पांच साल के दौरान 83,677 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जायेगा.

5. वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा बैंकिंग क्षेत्र की गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) जो कि मार्च 2015 में 2.75 लाख करोड़ रुपये थी जून 2017 में बढकर 7.33 लाख करोड़ रुपये हो गई. इस में से 1.75 लाख करोड़ रुपये की राशि से जुड़े 12 मामलों को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) को भेजा गया है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version