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गडकरी ने गिनाये जलमार्ग के फायदे, अशोक लैलेंड के 185 ट्रकों की खेप को बांग्लादेश के लिए किया रवाना

चेन्नई : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज वाहन विनिर्माता कंपनियों से अपील की कि वे अपने वाहनों की खेप को दूसरी जगहों तक भेजने के लिए तटीय जलमार्गों का इस्तेमाल करें. केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री गडकरी ने यहां अशोक लैलेंड के ट्रकों के जलमार्ग के जरिए बांग्लादेश को निर्यात की शुरुआत की. मंत्री ने […]

चेन्नई : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज वाहन विनिर्माता कंपनियों से अपील की कि वे अपने वाहनों की खेप को दूसरी जगहों तक भेजने के लिए तटीय जलमार्गों का इस्तेमाल करें. केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री गडकरी ने यहां अशोक लैलेंड के ट्रकों के जलमार्ग के जरिए बांग्लादेश को निर्यात की शुरुआत की.

मंत्री ने कहा कि सडक के जरिए परिहवन महंगा है और इससे पर्यावरण प्रदूषण भी होता है तथा दुर्घटनाओं को जोखिम भी रहता है. उन्होंने कहा, यही कारण है कि हमने जलमार्गों व तटीय परिवहन का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. इससे लागत घटेगी, समय बचेगा. यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा है. उन्होंने नागपुर से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित किया.
उन्होंने कहा, मैं सभी आटोमोबाइल विनिर्मातओं से अपील करता हूं कि वे अपने वाहनों की खेप को जगह जगह पहुंचाने के लिए यथा संभव जलमार्गों का उपयोग करें. मंत्री ने वहीं से अशोक लैलेंड के 185 ट्रकों की खेप को चेन्नई बंदरगाह से बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह के लिए रवाना किया. यह खेप रोरो के जरिए भेजी हर रही है.
जलमार्ग के ये हैं फायदे
1.केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक जलमार्ग के माध्यम ले ढुलाई शुरू होने से ट्रांसपोर्टेशन की लागत 10 गुना तक कम हो जायेगी. उन्होंने एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया था कि सड़क मार्ग से ट्रांसपोर्टेशन का खर्च प्रति किलोमीटर 2.5 रुपए आता है, जबकि रेल मार्ग से यह खर्च 1.5 रुपए प्रति किलोमीटर है. वाटर वे से ट्रांसपोर्टेशन का खर्च प्रति किलोमीटर लगभग 25 पैसा आएगा.
2. जलमार्ग के जरिये माल ढुलाई करने से न केवल कार्बन उत्‍सर्जन कम करने में मदद मिलेगी. सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए भी जलमार्ग का अहम भूमिका होती है. भारत में हर रोज लाखों लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं. जलमार्ग के जरिये ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकती है.
3.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 34 फीसदी माल ढुलाई अंतर्राष्ट्रीय हब पोर्ट के जरिये होता है. पोर्ट की कमी की वजह से भारत में उपभोक्ताओं पर उच्च लागत का बोझ पड़ रहा है. जलमार्ग तंत्र का निर्माण और देखरेख अन्‍य माध्‍यमों की तुलना में भी बहुत सस्‍ता है.
4.यूरोप के देशों और चीन में जलमार्ग से होने वाले माल परिवहन की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत के करीब है जबकि भारत में यह साढ़े तीन प्रतिशत है. जलमार्ग का सड़क व रेलमार्ग की तुलना में कई फायदे है.

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