जल – थल दोनों जगहों पर लैंड करने वाले विमान लाने की तैयारी में सरकार
नयी दिल्ली : देश में नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही सरकार ने कहा कि रूस और जापान की कंपनियों ने भारत को एंफीबियस (जल-थल दोनों पर उतरने में सक्षम) विमानों की आपूर्ति करने की इच्छा जताई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस संबंध में जानकारी दी. […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
October 29, 2017 2:53 PM
नयी दिल्ली : देश में नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही सरकार ने कहा कि रूस और जापान की कंपनियों ने भारत को एंफीबियस (जल-थल दोनों पर उतरने में सक्षम) विमानों की आपूर्ति करने की इच्छा जताई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस संबंध में जानकारी दी. गडकरी ने कहा कि रूस और जापान की कंपनियों ने देश को एंफीबियस विमानों (समुद्री विमान) की आपूर्ति करने की इच्छा जताई है, जिसमें इस तरह का 50 लोगों के लिए बैठने वाला विमान भी शामिल हैं.
सरकार की योजना 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग में बदलने की है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यमुना, गंगा और अन्य जल निकायों में एंफीबियस विमान पेश करने के प्रस्ताव की जांच कर रही है. देश में समुद्री विमान की बडी संभावनाएं हैं, जो कि कनेक्टिविटी का कायापलट करने में सक्षम है..रुस की एक कंपनी ने 50 सीटर एंफीबियस विमानों की आपूर्ति करने की इच्छा जताई है, जो अग्निशमन, बचाव कार्यों और रक्षा परिचालन समेत यात्री और मालवाहक परिवहन में बहुत अधिक उपयोग साबित हो सकता है. हालांकि, गडकरी ने स्पष्ट किया है कि प्रस्ताव अभी शुरआती चरण में है और इसमें विभिन्न नियामकीय मंजूरियों, मार्गों का आकलन, हवाई अड्डों और बंदरगाहों की तर्ज पर हाइड्रोपॉर्ट्स का निर्माण से जुडे कई मुद्दे शामिल हैं.
गडकरी ने कहा कि जापानी कंपनी ने भी ऐसी परियोजनाओं में दिलचस्पी दिखाई है और वाराणसी में नवंबर महीने के अंत में एक परीक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एक बार इन परियोजनाओं को मंजूरियां मिल जाती है तो देश भर में बडे पैमाने पर इन विमानों को खरीदा जा सकता है, क्योंकि इस क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं और यह पर्यटन के साथ संचार क्षेत्र में भी बदलाव लाएगा. गडकरी ने कहा, भारत के हर शहर में जल निकाय है जिसमें समुद्री जहाजों का परिचालन आसानी से किया जा सकता है.
इसके अतिरिक्त, हम एंफीबियस बसें भी पेश कर रहे हैं और हाल ही हमने अहमदाबाद में इस तरह की एक बस भेजी है. इस महीने की शुरुआत में, स्पाइसजेट ने क्षेत्रीय परिचालन को बढ़ावा देने के लिए 40 करोड डॉलर की कीमत से 100 से ज्यादा एंफीबियस विमान खरीदने की घोषणा की थी। इसके लिए स्पाइसजेट ने जापानी की एक कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. इस तरह की परियोजनाओं को जल्द मूंजरी मिलने का वादा करते हुए गडकरी ने कहा कि नवोन्मेष (इनोवेशन) का युग है, जो भी देश को बदलने की ताकत रखता है. उन्होंने कहा कि हम समुद्री विमानों को बढावा देना चाहते हैं. मालदीव जैसे छोटे देश के पास 47 समुद्री विमानों का बेडा है लेकिन अत्याधिक संभावनाओं के बावजूद भारत के पास कुछ भी नहीं है.
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