नयी दिल्लीः नोटबंदी के सालभर बाद तक रिजर्व बैंक वापस आये 500 आैर 1000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती ही कर रहा है. एक आरटीआर्इ के जवाब में यह बात सामने आयी है कि रिजर्व बैंक वापस आये नोटों की गिनती और जांच पूरी नहीं कर पाया है. पिछले साल आठ नवंबर को सरकार ने पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा की थी. उसके बाद लोगों को पुराने नोट बैंकों में जमा कराने का निर्देश दिया गया था.
इस आरटीआर्इ के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा कि 30 सितंबर तक 500 रुपये के 1,134 करोड़ नोटों की जांच पूरी हो चुकी थी, जबकि 1000 रुपये के 524.90 करोड़ नोट जांचे जा चुके थे. इन नोटों का मूल्य क्रमश: 5.67 लाख करोड़ रुपये और 5.24 लाख करोड़ रुपये है. 30 सितंबर तक कुल 10.91 लाख करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोटों की जांच हो चुकी थी. रिजर्व बैंक ने बताया कि उपलब्ध मशीनों पर दो शिफ्ट में नोटों को तेजी से जांचने का काम हो रहा है.
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केंद्रीय बैंक से आरटीआर्इ के जरिये चलन से बाहर किये गये नोटों की अब तक हुई गिनती के बारे में जानकारी मांगी गयी थी. आरटीआर्इ में रिजर्व बैंक से यह सवाल किया गया था कि नोटों की गिनती का काम कब तक पूरा होगा. इसके जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा कि चलन से बाहर किये गये नोटों के सत्यापन की प्रक्रिया लगातार जारी है.
बैंक ने यह भी बताया कि नोटबंदी के बाद तमाम बैंकों में जमा कराये गये 500 और 1000 रुपये के पुराने बड़े नोटों की गिनती में कम से कम 66 सोफिस्टिकेटेड करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग (सीवीपीएस) मशीनों का इस्तेमाल हुआ.
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