24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमेरिका में उठी रघुराम राजन को फेडरल रिजर्व का नया चेयरमैन बनाने की मांग

नयी दिल्लीः अमेरिका में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को फेडरल रिजर्व का चीफ बनाने की मांग की गयी है. अमेरिका की मशहूर फाइनेंशियल पत्रिका बैरंस ने फेडरल रिजर्व के नये चेयरमैन के लिए राजन के नाम का प्रस्ताव रखा है. बताया जा रहा है कि राजन के पक्ष में इस […]

नयी दिल्लीः अमेरिका में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को फेडरल रिजर्व का चीफ बनाने की मांग की गयी है. अमेरिका की मशहूर फाइनेंशियल पत्रिका बैरंस ने फेडरल रिजर्व के नये चेयरमैन के लिए राजन के नाम का प्रस्ताव रखा है. बताया जा रहा है कि राजन के पक्ष में इस पत्रिका ने कर्इ तरह की दलीलें दी हैं. इनमें सबसे बड़ी दलील यह बतायी जा रही है कि राजन के कार्यकाल के दौरान भारत में महंगार्इ दर आधी रह गयी थी आैर शेयर बाजारों में 50 फीसदी से अधिक की बढ़त दर्ज की गयी. इसके साथ ही, भारतीय मुद्रा रुपये में भी स्थिरता आयी थी. गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन इसी हफ्ते फेडरल रिजर्व के नये प्रमुख की घोषणा कर सकता है.

इसे भी पढ़ेंः रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने खोला राज, नोटबंदी के नुकसान पर सरकार को पहले ही किया था आगाह

मैगजीन के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जब स्पोर्ट्स की टीमें दुनियाभर से बेहतरीन प्रतिभाआें का चयन कर सकती हैं, तो यह बात केंद्रीय बैंकों पर लागू क्यों नहीं हो सकतीं. फेडरल रिजर्व के अगले चेयरमैन के तौर पर ट्रंप प्रशासन में कर्इ नामों का जिक्र किया जा रहा है. हालांकि, इन नामों में रघुराम राजन का जिक्र नहीं है. फिर भी इस फाइनेंशियल पत्रिका की आेर से रघुराम राजन के नाम को फेडरल रिजर्व के चेयरमैन के तौर पर प्रस्तावित करना सबसे बड़ी बात मानी जा रही है.

पत्रिका ने रघुराम राजन के पक्ष में दलील देते हुए कहा है कि राजन का गैर-अमेरिकी होना कोर्इ मुद्दा नहीं है. कनाडार्इ मूल के निवासी मार्क कार्नी भी बैंक आॅफ इंग्लैंड के गवर्नर रह चुके हैं. अगर राजन को ट्रंप प्रशासन की आेर से फेडरल रिजर्व के प्रमुख के तौर पर चयन कर लिया जाता है, तो यह भारत के लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा.

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद से मुक्त होने के बाद रघुराम राजन इस समय शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल में पढ़ा रहे हैं. वह 2003 से 2006 के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में सबसे कम उम्र के मुख्य अर्थशास्त्री आैर शोध निदेशक के तौर पर काम कर चुके हैं. वर्ष 2005 में रघुराम राज ने ही आर्इएमएफ के काॅन्फ्रेंस में अमेरिका की नीतियों पर सवाल उठाते हुए वैश्विक महामंदी की आशंका जाहिर की थी. हालांकि, उस समय वहां मौजूद दूसरे अर्थशास्त्रियों ने राजन को नजरअंदाज किया था, लेकिन दो साल बाद वर्ष 2008 में उनकी बात सच निकली थी.

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर रघुराम राजन के कार्यकाल में भारत की महंगार्इ दर 9.8 फीसदी से घटकर 4.3 फीसदी रह गयी थी. हालांकि, उनका प्रयास इस महंगार्इ दर को 4 फीसदी पर स्थिर रखने का था. वहीं, शेयर बाजारों में बीएसर्इ का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 189000 अंक से बढ़त हासिल कर 28400 अंक के स्तर पर पहुंचने में कामयाब हुआ था. डाॅलर आैर अन्य विदेशी मुद्राआें की तुलना में रुपया स्थिर भी हुआ था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें