नयी दिल्ली: सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए उर्वरक सब्सिडी के बकाया दावों के भुगतान के लिए 10,000 करोड़ रुपये की विशेष बैंकिंग व्यवस्था (एसबीए) के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है. यह बैंकिंग व्यवस्था पहले ही लागू की जा चुकी है, लेकिन अब इसे सरकार की मंजूरी मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सीसीइए ने यह भी अनुमति दी है कि भविष्य में उर्वरक विभाग व्यय विभाग की सहमति से एसबीए की सुविधा ले सकेगा. सरकार उर्वरक विनिर्माताओं तथा आयातकों के जरिये किसानों को सब्सिडी वाली कीमत पर यूरिया और 21 ग्रेड का पीएंडके :फॉस्फेट और पोटाशियम: उपलब्ध कराती है.
उर्वरक कंपनियों को उनके सब्सिडी दावे पर भुगतान करने के लिए वित्त मंत्रालय ने 10,000 करोड़ रुपये की विशेष बैंकिंग सुविधा मंजूर की है. इसमें सरकार की ब्याज देनदारी सरकारी प्रतिभूतियों की दर तक सीमित रहेगी. भारतीय स्टेट बैंक के साथ 10,000 करोड़ रुपये के एसबीए पर काम चल रहा है, जिससे उर्वरक कंपनियों के बकाया सब्सिडी दावे का निपटान किया जा सके. इस ऋण केलिए सरकार के ब्याज के साथ बजट अनुमान 2017-18 से भुगतान किया गया है. बयान में कहा गया है कि एसबीए के तहत सरकार ने बकाया सब्सिडी बिलों के भुगतान के लिए एसबीआइ से कुल 9,969 करोड़ रुपये का ऋण जुटाया है.
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