नोटबंदी के एक साल के दौरान 25 फीसदी गिरी सोने की मांग, कालेधन की एंट्री हुर्इ बंद
कोलकाताः एक साल पहले 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आेर से की गयी नोटबंदी की घोषणा के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है. वहीं, बीते एक साल के दौरान देश में सोने की मांग में करीब 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है. अंग्रेजी के अखबार इकोनाॅमिक टाइम्स […]
कोलकाताः एक साल पहले 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आेर से की गयी नोटबंदी की घोषणा के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है. वहीं, बीते एक साल के दौरान देश में सोने की मांग में करीब 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है. अंग्रेजी के अखबार इकोनाॅमिक टाइम्स ने बुलियन ट्रेडर्स और जूलर्स के हवाले से प्रकाशित खबर में लिखा है कि कि गोल्ड ट्रेड बी2बी (बिजनस टु बिजनस) कारोबार में कालेधन की एंट्री बंद हो गयी है, लेकिन बी2सी (बिजनस टु कन्ज़्यूमर) सौदों में इसका दखल अभी भी बना हुआ है.
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अखबार को ऑल इंडिया जेम एंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया कि नोटबंदी के बाद शुरुआती महीनों में कारोबार तकरीबन 75 फीसदी गिर गया था. हालांकि, सिस्टम में 500 आैर 2000 रुपये के नोटों की आपूर्ति बढ़ने के साथ धीरे-धीरे मांग बढ़ी है. हालांकि, कुल मिलाकर पिछले साल की तुलना में मांग अब भी 25 फीसदी कम है.
वहीं, विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, 2016 में भारत में सोने की मांग 675.5 टन थी, जो 2015 की मांग से करीब 21 फीसदी कम थी. जौहरियों की हड़ताल, बड़ी खरीदारी के लिए पैन कार्ड को अनिवार्य बनाये जाने और नोटबंदी की वजह से सोने की मांग में गिरावट दर्ज की गयी. हालांकि, इसके पहले वर्ष 2015 में सोने की मांग 857.2 टन थी.
अक्षय तृतीया पर बढ़ी थी सोने की मांग
हालांकि, बताया यह भी जा रहा है कि इस साल के जनवरी और फरवरी महीने में भी सोने की मांग पर नोटबंदी का असर जारी रहा. यह बात दीगर है कि अक्षय तृतीया पर इसकी मांग में कुछ तेजी आयी. विश्व स्वर्ण परिषद के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में मांग 37 फीसदी बढ़ी थी. वहीं, खंडेलवाल ने बताया कि एक जुलाई को जीएसटी में सोना पर तीन फीसदी टैक्स लगाने से मांग में दोबारा कमी दर्ज की गयी.
तस्करी आैर अवैध कारोबार में आयी गिरावट
इंडिया बुलियन एंड जूलरी एसोसिएशन (आईबीजेए) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा कि नोटबंदी के बाद से सोने की तस्करी में बड़ी गिरावट आयी है, क्योंकि बाजार में कम पूंजी थी और निगरानी सख्त हो गयी थी. मेहता ने कहा कि बी2सी कारोबार में अभी भी कालाधन चल रहा है, लेकिन बी2बी के स्तर पर अवैध ट्रेड तकरीबन खत्म हो गया है. खंडेलवाल ने जूलरी बिजनेस में कालेधन की एंट्री से इनकार किया. जीजेएफ के चेयरमैन ने कहा कि कालाधन केवल बुलियन बिजनेस में जा सकता है, न कि गोल्ड जूलरी में.
धीरे-धीरे बढ़ रही है ग्रामीण इलाके में सोने की मांग
खंडेलवाल और मेहता दोनों का मानना है कि धीरे-धीरे ही सही, लेकिन ग्रामीण मांग बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि कई राज्यों में बारिश की वजह से खरीफ फसलों पर बुरा असर पड़ा है. किसानों को फिर से बुआई के लिए नकदी की जरूरत है. उन्हें फसल की अच्छी कीमत भी नहीं मिल रही है. इसलिए किसानों की तरफ से सोने की खरीदारी घटी है.
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