भारत में 2.19 लाख अरबपतियों के पास है 877 अरब डाॅलर की संपत्ति

नयी दिल्ली : एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक अमीर लोगों की सबसे ज्यादा संख्या के मामले में भारत चौथे स्थान पर है. यहां 2,19,000 के साथ अरबपतियों की चौथी सबसे बड़ी आबादी निवास करती है, जिनकी कुल संपत्ति 877 अरब डाॅलर है. कैपजैमिनी की आेर से जारी एशिया-प्रशांत वेल्थ रिपोर्ट (एपीडब्ल्यूआर) 2017 के अनुसार, भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2017 8:43 AM

नयी दिल्ली : एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक अमीर लोगों की सबसे ज्यादा संख्या के मामले में भारत चौथे स्थान पर है. यहां 2,19,000 के साथ अरबपतियों की चौथी सबसे बड़ी आबादी निवास करती है, जिनकी कुल संपत्ति 877 अरब डाॅलर है. कैपजैमिनी की आेर से जारी एशिया-प्रशांत वेल्थ रिपोर्ट (एपीडब्ल्यूआर) 2017 के अनुसार, भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक अमीर लोगों की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर है. इस क्रम में एशिया प्रशांत क्षेत्र में उसकी हिस्सेदारी 4 फीसदी है. उच्च धनाढ्य व्यक्तियों की सूची में उन लोगों को रखा जाता है, जिनके पास 10 लाख डाॅलर या उससे अधिक की निवेश योग्य संपत्ति है. इसमें निवास स्थान, उपभोग योग्य सामान तथा टिकाऊ उपभोक्ता सामान शामिल नहीं है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2016 के अंत में 28,91,000 अरबपति जापान में थे. वहीं, चीन 11,29,000 के साथ दूसरे तथा आॅस्ट्रेलिया 2,55,000 के साथ तीसरे स्थान पर है. वर्ष 2015-16 के दौरान देश में अति धनाढ्यों की आबादी 9.5 फीसदी बढ़ी. यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र (एपीएसी) में 7.4 फीसदी की सालाना वृद्धि के औसत से अधिक है.

रिपोर्ट के मुताबिक, इसी अवधि में चीन और जापान में क्रमश: 9.1 फीसदी तथा 6.3 फीसदी की वृद्धि हुई. इन अरबपतियों की संपत्ति देखी जाये, तो भारत में इसमें 2015-16 में 10 फीसदी की वृद्धि हुई, जो औसत सालाना वृद्धि 8.2 फीसदी से अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 और 2018 में जीडीपी अनुमान में सुधार के साथ इस मामले में और अच्छी खबरें आ सकती हैं.

इसमें कहा गया है कि सुधारवादी छवि वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण निवेशकों की धारणा मजबूत बनी हुई. हालांकि, वे सतर्क भी हैं. एशिया पैसेफिक वेल्थ रिपोर्ट में एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक अमीर, उनकी संपत्ति और वैश्विक तथा आर्थिक स्थिति पर नजर रखी जाती है, जो संपत्ति प्रबंधन उद्योग में बदलाव लाता है.

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