गुवाहाटी : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के करीब चार माह बाद पहली बार कर की दरों में व्यापक बदलाव होने जा रहा है. इसके लिए गुवाहाटी में जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक में से दूसरे दिन की बैठक शुरू हो गयी है. बताया यह जा रहा है कि इस बैठक में जीएसटी परिषद आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए कर की दरों में कटौती करने पर मंथन करेगी. बताया यह भी जा रहा है कि आम उपभोक्ताओं के रोजमर्रा इस्तेमाल की करीब 175 वस्तुओं को जीएसटी के 28 फीसदी के ऊंचे स्लैब से हटाकर 18 फीसदी के स्लैब में लाने की तैयारी है.
संभावना है कि जीएसटी परिषद इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को मुहर लगायेगी. जीएसटी परिषद की बैठक गुरुवार को गुवाहाटी में शुरू हो गयी. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में यह बैठक शुक्रवार तक चलेगी. जिन वस्तुओं पर टैक्स की दर में कमी की संभावना है, उनमें शैंपू, प्लास्टिक उत्पाद, हैंडमेड फर्नीचर, वाद्ययंत्र आदि भी शामिल हैं. एक जुलाई, 2017 से चलन में आये जीएसटी में 1200 वस्तुओं व सेवाओं के लिए टैक्स के चार स्लैब – पांच, 12, 18 और 28 फीसदी हैं.
जीएसटी परिषद के सदस्य और बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुवाहाटी रवाना होने के पहले पटना में बताया कि इस बार की बैठक काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 28 प्रतिशत की स्लैब में शामिल रोजमर्रा की 200 से अधिक चीजों पर कर की दर कम होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि वह टैक्स रिटर्न कोे सरल बनाने और लेट फी को कम करने का मुद्दा भी उठायेंगे. इधर, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद इस नयी कर प्रणाली के कार्यान्वयन के चार महीने बाद इसकी दरों में सबसे व्यापक फेरबदल पर विचार करेगी. इसके तहत रिटर्न फाइल करने को आसान बनाने व लघु व मझोले उद्यमों को और राहत प्रदान किया जना भी शामिल है. परिषद की यह 23वीं बैठक है. इसमें असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की एकमुश्त योजना के लिए कर दरों में कटौती के सुझावों पर भी विचार किया जायेगा.
गोगोई समेत कई कांग्रेसी नेता हिरासत में
गुवाहाटी: यहां एक होटल में चल रही जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान प्रदर्शन के लिए पहुंचे असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को गुरुवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गोगोई के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा, नेता विपक्ष देबब्रत सैकिया और पूर्व मंत्री रकीबुल हुसैन को भी गिरफ्तार किया गया. बाद में निजी मुचलके पर जमानत दे दी गयी.
एजेंडा में यह भी
– रीयल स्टेट सेक्टर को जीएसटी के दायरे में लाना
– सभी करदाताओं को मासिक रिटर्न की सुविधा
– रिटर्न लेट फी को 200 रुपये से घटा 50 रुपये प्रतिदिन करना
– उपभोक्ताओं के हित में एमआरपी को जीएसटी में शामिल करना
कंपोजिशन स्कीम के तहत दो प्रस्ताव
1. जो कारोबारी अपने कुल टर्नओवर से टैक्स-फ्री सामानों की बिक्री को बाहर रखना चाहते हैं, वे एक फीसदी जीएसटी दे सकते हैं.
2. वे कारोबारी, जो कुल टर्नओवर पर टैक्स देते हैं, उनके लिए टैक्स रेट 0.5 फीसदी की सिफारिश की गयी है.
एसी रेस्टूरेंट : 12% के स्लैब में लाये जाने की संभावना
परिषद की बैठक में निर्माताओं और रेस्टूरेंट्स के लिए टैक्स रेट को घटाकर एक फीसदी करने पर विचार होगा. असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह ने यह सुझाव दिया है.
फिलहाल, निर्माता दो फीसदी जीसटी का भुगतान करते हैं जबकि रेस्टूरेंट के लिए रेट पांच फीसदी है. कारोबारियों को अभी एक फीसदी के हिसाब से जीएसटी देना होता है. मंत्री समूह ने कंपोजिशन स्कीम से बाहर एसी और नॉन-एसी रेस्टूरेंट के बीच टैक्स रेट के अंतर को हटाने की सिफारिश की है. उनसे 12 % टैक्स लेने की सिफारिश है. जिन होटल्स के टैरिफ 7,500 रुपये से ज्यादा हैं, को 18% टैक्स रेट के दायरे में लाने पर भी विचार होगा.
इन पर टैक्स घटेगा!
शैंपू, डिटर्जेंट, इलेक्ट्रिक स्विच, हैंडमेड फर्नीचर, घड़ी, वाद्य यंत्र, बाथ शिंक, वाश बेसिन, सूटकेस, वाल पेपर, कुछ स्टेशनरी आइटम, अग्निशमन यंत्र, प्लाइवुड आदि. इन पर अब तक 28 फीसदी जीएसटी था.
ये वस्तुएं 28 फीसदी के स्लैब में ही रहेंगी : डिजिटल कैमरा, शेविंग क्रीम, पेंट्स, वार्निश, सिगार, पान मसाला, चॉकलेट, कॉस्मेटिक्स, रेफ्रेजेरेटर, वाशिंग मशीन, हेयर डाय, मार्बल, ग्रेनाइट आदि.
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