70 साल के वरिष्ठ नागरिकों आैर दिव्यांगों को नहीं लगाना पड़ेगा बैंकों का चक्कर
मुंबई : नौकरी से रिटायर करने अथवा उम्र ढल जाने के बाद भले ही किसी बुजुर्ग के परिजन अथवा बेटे उन्हें आेल्ड एज होम में रहने को मजबूर कर रहे हों, लेकिन रिजर्व बैंक ने उनका खास ख्याल रखने की योजना बनायी है. इतना ही नहीं, रिजर्व बैंक ने सामाजिक उपेक्षा के शिकार शारीरिक तौर […]
मुंबई : नौकरी से रिटायर करने अथवा उम्र ढल जाने के बाद भले ही किसी बुजुर्ग के परिजन अथवा बेटे उन्हें आेल्ड एज होम में रहने को मजबूर कर रहे हों, लेकिन रिजर्व बैंक ने उनका खास ख्याल रखने की योजना बनायी है. इतना ही नहीं, रिजर्व बैंक ने सामाजिक उपेक्षा के शिकार शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों को भी सामान्य आैर आसान बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने की सोची है.
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रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ने गुरुवार को देश के तमाम बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 70 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों तथा शारीरिक रुप से अक्षम लोगों को इस साल दिसंबर तक उनके घर के दरवाजे पर बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करें.
रिजर्व बैंक की आेर से देश के सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों तथा शारीरिक रुप से अक्षम (दृष्टिबाधितों सहित) लोगों को उनके घर के दरवाजे पर बुनियादी बैंकिंग सुविधाएं मसलन नकदी पहुंचाना और जमा कराना, चेक बुक और डिमांड ड्रॉफ्ट पहुंचाना उपलब्ध करायी जायें.
रिजर्व बैंक की आेर से जारी की गयी अधिसूचना में कहा गया है कि यह देखने में आया है कि कई बार बैंक वरिष्ठ नागरिकों और अक्षम लोगों को शाखाओं में बैंकिंग सुविधाएं लेने से हतोत्साहित करते हैं. रिजर्व बैंक ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों तथा शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को बैंकों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने का समन्वित प्रयास करना चाहिए.
केंद्रीय बैंक की आेर से देश के तमाम बैंकों को कहा गया है कि वे 31 दिसंबर, 2017 तक शब्द और भावना के अनुरूप इन निर्देशों का क्रियान्वयन करें. बैंक शाखाओं और वेबसाइट पर इसका ब्योरा उपलब्ध कराया जाना चाहिए. इसके अलावा, बैंकों से कहा गया है कि वे ऐसे ग्राहकों से अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) से संबंधित दस्तावेज और जीवन प्रमाणपत्र भी उनके घर जाकर लें.
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