पीएफ में जमा कराये गये आपके पैसे पर ब्याज दर बढ़ेगा या घटेगा, 23 नवंबर को होगा फैसला
नयी दिल्ली : पीएफ यानी भविष्य निधि. सार्वजनिक आैर निजी क्षेत्र के कर्मचारी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए आम तौर पर अपनी मेहनत की कमार्इ से पीएफ खाते में पैसा जमा करते हैं. कामगारों की आेर से इस खाते में जमा करायी गयी राशि पर हर साल ब्याज दर तय की जाती […]
नयी दिल्ली : पीएफ यानी भविष्य निधि. सार्वजनिक आैर निजी क्षेत्र के कर्मचारी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए आम तौर पर अपनी मेहनत की कमार्इ से पीएफ खाते में पैसा जमा करते हैं. कामगारों की आेर से इस खाते में जमा करायी गयी राशि पर हर साल ब्याज दर तय की जाती है. पिछले साल कर्मचारियों के इस पैसे पर मिलने वाली ब्याज दर की राशि को घटा दिया गया था, लेकिन इस साल भी ब्याज दर घटायी जायेगी या फिर उसमें बढ़ोतरी की जायेगी, इसके लिए आगामी 23 नवंबर को फैसला किये जाने की संभावना है.
इसे भी पढ़ेंः इंतजार खत्म, बहुत जल्द PF पर मिलेगा 9 प्रतिशत ब्याज
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 23 नवंबर को होगी, जिसमें मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमाओं की ब्याज दर का फैसला हो सकता है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि 2017-18 के लिए भविष्य निधि जमाओं पर देय ब्याज दर को मंजूरी के लिए न्यासी मंडल के समक्ष रखा जा सकता है. ईपीएफओ के 4.5 करोड़ से अधिक अंशधारक हैं.
पिछले साल दिसंबर में न्यासी मंडल ने 2016-17 के लिए ईपीएफ ब्यज दर को घटाकर 8.65 फीसदी करने का फैसला किया, जो कि 2015-16 के लिए 8.8 फीसदी थी. अधिकारी ने कहा कि ईटीएफ निवेश में अंशधारक के हिस्से को उनके संबद्ध खातों में डालने के प्रस्ताव पर भी बैठक में विचार किया जा सकता है.
इस साल न्यासी मंडल की बैठक में यह मुद्दा एजेंडे में था और इसे नियंत्रक व महालेखा परीक्षक के पास भेजा गया. कैग ने प्रस्ताव पर सैद्धांतिक मंजूरी दी है, लेकिन कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे. एक अनुमान के अनुसार, एक्सचेंज ट्रेडेट फंड ईटीएफ में ईपीएफओ का निवेश मौजूदा वित्त वर्ष के आखिर तक बढ़कर 45000 करोड़ रुपये हो सकता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.