नयी दिल्ली : देश में एक जुलार्इ को लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन में हो रही देरी की वजह से अक्टूबर महीने में भारत का निर्यात करीब 1.12 फीसदी गिर गया, जबकि आयात में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. जीएसटी के क्रियान्वयन में देरी की वजह से निर्यातकों को नकदी संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आयात बढ़ने की वजह से व्यापार घाटा बढ़कर 14 अरब डाॅलर हो गया, जो तीन साल का सबसे ऊंचा स्तर है.
गौरतलब है कि अक्टूबर, 2016 में व्यापार घाटा 11.13 अरब डाॅलर रहा था. फिलहाल, देश का निर्यात अक्टूबर महीने में 1.12 फीसदी घटकर 23.09 अरब डाॅलर रह गया, जो पिछले साल अक्टूबर में 23.36 अरब डाॅलर था. इससे पहले अगस्त, 2016 में निर्यात में गिरावट दर्ज की गयी थी.
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वाणिज्य मंत्रालय की आेर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान कालीन, वस्त्र, दवा, चमड़ा, रत्न व आभूषण जैसे क्षेत्रों की वृद्धि दर नकारात्मक रही. इन आंकड़ों पर टिप्प्णी करते हुए निर्यातकों के संगठन फियो ने कहा है कि यह गिरावट आनी ही थी. निर्यातकों को लगातार चार महीने के लिए जीएसटी के भुगतान में दिक्कत हो रही है, क्योंकि उन्हें कोई रिफंड नहीं मिला है.
फियो ने एक बयान में कहा है कि निर्यात में और गिरावट को टालने के लिए तत्काल उपचारात्मक कदम उठाये जाने की जरूरत है, अन्यथा नवंबर में हालत और खराब होगी. इसके अनुसार, जीएसटी परिषद द्वारा मंजूरशुदा कदमों का कार्यान्वयन नहीं हो पा रहा. इस कारण निर्यातकों की चुनौतियां जस की तस बनी हैं.
अक्टूबर महीने में आयात 7.6 फीसदी बढ़कर 37.11 अरब डाॅलर हो गया, जो पिछले साल अक्टूबर में 34.5 अरब डाॅलर था. इस तरह व्यापार घाटा आलोच्य महीने में बढ़कर 14 अरब डाॅलर हो गया, जो अक्टूबर, 2016 में 11.13 अरब डाॅलर था.
इस दौरान सोने का आयात 16 फीसदी घटकर 2.94 अरब डाॅलर रहा. तेल व गैर तेल आयात आयात 27.89 फीसदी व 2.19 फीसदी बढ़कर क्रमश: 9.28 अरब डाॅलर 27.83 अरब डाॅलर हो गया. अप्रैल अक्टूबर 2017-18 के दौरान कुल निर्यात 9.62 फीसदी बढ़कर 170.28 अरब डाॅलर रहा. इस दौरान आयात 22.21 फीसदी बढ़कर 256.43 अरब डाॅलर व व्यापार घाटा 86.14 अरब डाॅलर के बराबर रहा.
अक्टूबर महीने में पेट्रोलियम, अभियांत्रिकी सामान व रसायनों का निर्यात् क्रमश: 14.74 फीसदी, 11.77 फीसदी व 22.29 फीसदी बढ़ा. भारत का निर्यात सितंबर में 25.67 फीसदी बढ़कर 28.61 अरब डाॅलर हो गया था और बीते छह महीने में इसमें यह सबसे अधिक वृद्धि थी.
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