गोल्ड फंड और गोल्ड ईटीएफ : ऐसे करें गोल्ड में बोल्ड इनवेस्टमेंट
सोने को पुराने जमाने का एटीएम कहा जा सकता है, क्योंकि पहले के समय में लोग सोने को सुरक्षित कैश के रूप में मानते थे और जब चाहा, तब बेच कर कैश प्राप्त कर लेते थे. लेकिन बदलते परिवेश में धीरे – धीर प्लास्टिक मनी की मांग बढ़ने की वजह से सोने की मांग में […]
सोने को पुराने जमाने का एटीएम कहा जा सकता है, क्योंकि पहले के समय में लोग सोने को सुरक्षित कैश के रूप में मानते थे और जब चाहा, तब बेच कर कैश प्राप्त कर लेते थे. लेकिन बदलते परिवेश में धीरे – धीर प्लास्टिक मनी की मांग बढ़ने की वजह से सोने की मांग में भी कमी आयी है. आज के समय में घर में सोना रखना सुरक्षित नहीं है. ऐसे में आज सोने को इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीदने व बेचने का विकल्प उपलब्ध है.
गोल्ड फंड व गोल्ड ईटीएफ
लोगों को आकर्षित करने के लिए आज भी कई ज्वेलर्स एसआइपी योजना के तहत सोना खरीदने का ऑफर दे रहे हैं, लेकिन भौतिक रूप में खरीदे गये सोने को घर या बैंक में सुरक्षित रखने में परेशानी होती है. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में सोने को खरीदने व उसमें निवेश के विकल्प हमारे सामने मौजूद हैं. पहला गोल्ड फंड और दूसरा गोल्ड ईटीएफ. यह इलेक्ट्रॉनिक या पेपर के रूप में होता है. इनके चोरी होने का खतरा भी नहीं होता है.
गोल्ड फंड
यह एक तरह का म्यूचुअल फंड है, जिसमें एक फंड मैनेजर होता है, जो इसमें निवेश किये गये पैसों को मैनेज करता है. यह निवेशकों के पैसे को गोल्ड ईटीएफ में निवेश करता है. इसमें भी निवेशकों को सोने में ही एक्सपोजर मिलता है. निवेशकों को सोने की कीमत के आधार पर ही वैल्यू दिया जाता हैं. इसके लिए डीमैट की जरूरत नहीं है. इसमें एसआइपी द्वारा निवेश किया जा सकता है.
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ एक एक्सचेंड ट्रेडेड फंड है, जो 99.5% शुद्ध सोने में निवेश करता है. इसको निवेशक शेयर की तरह स्टॉक एक्सचेंज से खरीद और बेच सकते हैं. इसमें निवेशकों द्वारा किये गये निवेश के पैसे को गोल्ड में निवेश किया जाता हैं. इसकी नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) का निर्धारण सोने की कीमत के आधार पर होता है. गोल्ड ईटीएफ को निवेशक घर बैठे ऑनलाइन भी खरीद और बेच सकते हैं. सोने की कीमत के आधार पर इसकी एनएवी भी घटती-बढती है.
निवेशकों द्वारा खरीदे गये गोल्ड ईटीएफ को उनके डीमैट एकाउंट में जमा कर दिया जाता है और जब भी इनकी यूनिट्स को कैश में प्राप्त करना हो, तो इन्हें ब्रोकर द्वारा या ऑनलाइन बेच कर सोने के कीमत के बराबर नकदी प्राप्त की जा सकती है. यह फंड उन निवेशकों के लिए हैं, जो सोने की बदलती कीमतों के आधार पर मुनाफा कमाना चाहते हैं.
गोल्ड फंड पर टैक्स
गोल्ड फंड में डेब्ट आधारित फंड की तरह टैक्स लगता है. इसमें शॉर्ट टर्म गेन और लॉन्ग टर्म गेन के बीच तीन साल का समय होता है. अगर निवेश तीन साल से पहले बेच दिया जाये तो इसे शॉर्ट टर्म गेन की श्रेणी में रखा जाता है और यह आय में जोड़ा जाता है. अगर तीन साल के बाद बेची जायेगी, तो इसे लॉन्ग टर्म गेन की श्रेणी में रखा जायेगा और इसमें 20 % का टैक्स रेट लगाया जायेगा.
एसआइपी के जरिये भी गोल्ड फंड में निवेश किया जा सकता है. एक ग्राम या आधा ग्राम के यूनिट में भी खरीदा जा सकता है.
होने वाले फायदे …
ऑनलाइन खरीदा और बेचा जा सकता है.
पूरी तरह सुरक्षित है. इसके चोरी और गुम होने का खतरा नहीं होता.
इसमें मिलावट की कोई आशंका नहीं होती. जबकि भौतिक रूप में शुद्धता की गारंटी मिलना मुश्किल है.
10 से 20 प्रतिशत की मेकिंग चार्ज नहीं देना होता है.
निवेशक सुविधानुसार एंट्री और एग्जिट ले सकते हैं.
एनएसई में सूचीबद्ध गोल्ड ईटीएफ
एक्सिस गोल्ड ईटीएफ
बिड़ला सनलाईफ गोल्ड ईटीएफ
कैनेरा रोबेको गोल्ड ईटीएफ
गोल्डमैन सैक गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड स्कीम
एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ
आइसीआइसीआइ गोल्ड ईटीएफ
आइडीबीआइ गोल्ड ईटीएफ
कोटक गोल्ड ईटीएफ
क्वांटम गोल्ड फंड
रिलायंस गोल्ड ईटीएफ
एसबीआई गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड स्कीम
यूटीआई गोल्ड ईटीएफ
ऑनलाइन खरीदने से पहले सावधानियां
बहुत सारे गोल्ड रिटेल चेन के अपने ऑनलाइन स्टोर आ गये हैं. इसके अलावा अमेजन, फ्लिपकार्ट व पेटीएम जैसे ऑनलाइन ट्रेडर भी सोना बेच रहे हैं. ये सभी फिजिकल रूप में सोने की बिक्री कर रहे हैं. ऑनलाइन सोना खरीदने से पहले इन बिंदुओं पर अच्छे से विचार जरूर करें.
1. असलियत :सोना बेचनेवाले ऑनलाइन स्टोर या वेबसाइट की पक्की जांच कर लें कि वह एक प्रतिष्ठित विक्रेता है या नहीं?
2. शुद्धता : खरीदने से पहले सोने की शुद्धता पर जरूर ध्यान दें. सोना 24, 22 व 14 कैरेट में आता है. सोने के आभूषण कभी भी 24 कैरेट के नहीं होते हैं. इसलिए खरीदने से पहले इसकी शुद्धता को जान लें.
3. हॉलमार्क सर्टिफिकेशन : सोना खरीदते समय हमेशा उसका हॉलमार्क सर्टिफिकेशन की जांच जरूर कर लें. यह शुद्धता का बेंचमार्क होता है. ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड द्वारा प्रमाणित ज्वेलर्स से ही सोना खरीदना चाहिए.
4. मेकिंग चार्ज : सभी सोना बेचने वाले एक ही तरह के मेकिंग चार्च नहीं लेते. सोने के सिक्का में भी मेकिंग चार्च जोड़ दिया जाता है. इसलिए इसके मेकिंग चार्ज के गणित को पहले समझ लें.
5. बेचने या बदलने के विकल्प : बड़े व प्रतिष्ठित स्टोर व ऑनलाइन साइट में सोने को वापस बेचने या उसको बदलने की क्या-क्या शर्तें हैं, उसकी पूरी जानकारी अवश्य ले लें.
6. बिल लेना : खरीदे गये सोने का बिल जरूर ले लें. यह सोने की शुद्धता व वजन को सुनिश्चित करता है. साथ ही बेचते या बदलते समय भी बहुत उपयोगी है.
7. पैकेजिंग : ऑनलाइन खरीदारी में पैकेजिंग का ध्यान बहुत जरूरी है. पैकेट लेने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच कर लें कि वह अच्छी तरह से पैकेजिंग के साथ आया है. शक होने पर उसे वापस लौटा दें.
8. रिसाइज एंड रिपेयर पॉलिसी : ऑनलाइन खरीदारी में पहले
रिसाइज व रिपेयर पॉलिसी को अच्छी तरह जान लें. पैकेट खोलने के बाद लगे स्टोन
बाहर निकल आ सकते हैं. सोने की पॉलिस अच्छी न हो आदि कई तरह की समस्या आ सकती है.
9. ट्राइ एट होम विकल्प : कुछ ऑनलाइन स्टोर से ‘ट्राइ एट होम’ का विकल्प दिया जाता है. ऐसे में ज्वेलरी खरीदने से पहले अगर आप पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हों, तो इस विकल्प का उपयोग जरूर करें.
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