नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) यूनिट्स को भविष्य निधि (पीएफ) खातों में डालने के प्रस्ताव की अनुमति दे दी है.
ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या 4.5 करोड़ है. ईपीएफओ के अंशधारक ईटीएफ यूनिट्स को अपने पीएफ खातों में अगले साल मार्च अंत तक देख सकेंगे.
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने यहां ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सीबीटी ने इक्विटी निवेश के मूल्यांकन और लेखे के लिए लेखा नीति को मंजूरी दी गयी है.
इसे भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु (आईआईएम-बेंगलुरु) के साथ विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है. गंगवार सीबीटी के प्रमुख भी हैं.
उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्कर्ष को भी लेखा नीति में शामिल किया गया है.
जानकारों की मानें, तो इस नये फैसले के तहत अब आपके पीएफ के दो अकाउंट होंगे. एक कैश अकाउंट और दूसरा ईटीएफ अकाउंट.
कैश अकाउंट में आपके पीएफ की 85 फीसदी रकम होगीऔर ईटीएफ अकाउंट में 15 फीसदी रकम होगी, जो शेयर बाजार में निवेश की जाती है.
यह रकम आपके अकाउंट में यूनिट के तौर पर दिखेगी.
यह पूछे जाने पर ईपीएफओ कब से ईटीएफ यूनिट्स को उसके अंशधारकों के खातों में कब से डालना शुरू करेगा, ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने कहा कि यह इस वित्त वर्ष के अंत तक संभव हो सकेगा.
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