नयी दिल्लीः प्याज सब्जियों का जायका बढ़ा देता है. इस समय देश के बाजारों में इसकी कीमतें गृहणियों की आंखों से आंसू निकाल रहा है. खुदरा आैर थोक सब्जी मंडियों में प्याज की नयी फसल आने के बावजूद इसकी कीमतें 50 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है. इतना ही नहीं, प्याज की कीमतों की मार से अभी देश के लोगों को राहत भी नहीं मिल पायी है कि टमाटर की कीमतों ने भी एक बार फिर आंख तरेरना शुरू कर दिया है. आज यह है कि देश की राजधानी दिल्ली में ही टमाटर की कीमतें 80 रुपये किलो तक पहुंच गयी हैं.
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बताया जा रहा है कि दिल्ली के खुदरा बाजार में टमाटर का दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया. कहा यह भी जा रहा है कि आपूर्ति में कमी से टमाटर के दाम चढ़ रहे हैं. देश के अन्य हिस्सों में भी टमाटर के दाम चढ़ चुके हैं. व्यापार आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक के बेंगलुर में टमाटर का खुदरा दाम 45 से 50 रुपये प्रति किलो पर पहुंच चुका है,जबकि मिजोरम के एजल में 95 से 100 रुपये किलो बिक रहा है.
बारिश से फसल बर्बाद, 20 दिन बाद आयेगी नयी फसल
दिल्ली की आजादपुर मंडी के टमाटर व्यापारी संघ के अध्यक्ष अशोक कौशिक ने कहा कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश की हालिया बरसात की वजह से टमाटर की उपलब्धता कम हुई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में टमाटर की 90 प्रतिशत फसल खराब हो चुकी है. किसानों ने फिर से बुआई की है. इस फसल को आने में 15 से 20 दिन लगेंगे.
दिल्ली में 50 रुपये किलो टमाटर
उन्होंने बताया कि आजादपुर मंडी में टमाटर 40 से 50 रुपये किलो बिक रहा है. खुदरा दाम से इससे कहीं अधिक हैं. दिल्ली के खुदरा बाजारों में अलग अलग स्थानों पर टमाटर 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा है. एक साल पहले इस अवधि में टमाटर का दाम 30 से 35 रुपये किलो था. कौशिक का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में इस समय टमाटर की आपूर्ति करीब 25 फीसदी कम है.व्यापारियों का कहना है कि कुछ टमाटर उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ से भी आ रहा है.
देश में 65 रुपये किलो तक बिक रहा है प्याज
वहीं, देश के अधिकांश शहरों में प्याज की खुदरा कीमत 50 से 65 रुपये किलो तक पहुंच गयी. घरेलू आपूर्ति कम होने के कारण इसकी कीमतें दबाव में आ गयीं. सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एमएमटीसी को 2,000 टन प्याज का आयात करने को कहा है, जबकि नेफेड और एसएफएसी जैसी अन्य एजेसिंयों को स्थानीय स्तर पर इसकी खरीद कर उपभोक्ता इलाकों में वितरण करने को कहा गया.
निर्यात होने से देश के बाजारों में घट गयी प्याज की आपूर्ति
चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में देश से बड़ी मात्रा में प्याज का निर्यात होने से घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति घट गयी थी. भारत ने इस साल अप्रैल-जुलाई की अवधि में 12 लाख टन प्याज का निर्यात किया, जो पूर्व वर्ष के मुकाबले 56 फीसदी अधिक रहा. इसके अलावा, वर्ष 2017-18 की प्याज की नयी खरीफ फसल के भी कम रहने की उम्मीद है, जिसे अभी खेत से निकाला जा रहा है.
खरीफ मौसम में 40 फीसदी होता है प्याज का उत्पादन
देश में प्याज उत्पादन का करीब 40 फीसदी उत्पादन खरीफ सत्र में होता है और शेष प्याज उत्पादन रबी सत्र में होता है. हालांकि, खरीफ प्याज फसल का भंडारण नहीं किया जा सकता है. प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात शामिल हैं.
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