Reserve Bank का दावा : 1000 आैर 500 रुपये का लीगल टेंडर बंद होने के बाद नकद भुगतान में आयी गिरावट
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि नोटबंदी के बाद लोगों के भुगतान के तरीके में बदलाव आया है. इसमें कहा गया है कि नोटबंदी के बाद लोग नकद भुगतान के बजाय खुदरा इलेक्ट्राॅनिक भुगतान, मर्चेंट टर्मिनल में कार्ड इस्तेमाल और चेक के जरिये भुगतान की ओर बढ़े […]
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि नोटबंदी के बाद लोगों के भुगतान के तरीके में बदलाव आया है. इसमें कहा गया है कि नोटबंदी के बाद लोग नकद भुगतान के बजाय खुदरा इलेक्ट्राॅनिक भुगतान, मर्चेंट टर्मिनल में कार्ड इस्तेमाल और चेक के जरिये भुगतान की ओर बढ़े हैं. सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 1,000 और 500 रुपये का लीगल टेंडर बंद करने की घोषणा की थी.
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रिजर्व बैंक ने अपने साप्ताहिक परिशिष्ट मिंट स्ट्रीट मेमोज में कहा है कि नोटबंदी से अंतर बैंक भुगतान और निपटान प्रणाली में उल्लेखनीय बदलाव आया. विशेषरूप से खुदरा इलेक्ट्रानिक भुगतान, पीओएस टर्मिनल पर कार्ड इस्तेमाल और चेक के जरिये भुगतान बढ़ा है. यह अध्ययन रिजर्व बैंक के सांख्यिकी एवं सूचना प्रबंधन विभाग के शशांक शेखर मैती के निर्देशन में किया गया है. अध्ययन में कहा गया है कि नोटबंदी से पहले चेक की मात्रा और मूल्य के हिसाब से इस्तेमाल कम हुआ था, लेकिन नोटबंदी के बाद के महीनों में इसमें सकारात्मक वृद्धि हुई.
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