सरकार ने आईएएस अधिकारी बीएन शर्मा को बनाया राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का चेयरमैन
नयी दिल्ली : सरकार ने राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी बद्री नारायण शर्मा को राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का चेयरमैन नियुक्त किया है. वर्ष 1985 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा को वर्ष 2015 में ऊर्जा मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था. इसे भी पढ़ें : जीएसटी के […]
नयी दिल्ली : सरकार ने राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी बद्री नारायण शर्मा को राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का चेयरमैन नियुक्त किया है. वर्ष 1985 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा को वर्ष 2015 में ऊर्जा मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था.
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कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अगुआई वाली एक समिति के फैसले के बाद प्राधिकरण के चेयरमैन और उसके सदस्यों की नियुक्ति पर सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है. प्राधिकरण का कार्यकाल चेयरमैन के पद संभालने की तारीख से दो साल का होगा. चेयरमैन और चार सदस्यों की उम्र 62 साल से कम होनी चाहिए.
गौरतलब है कि इसी नवंबर महीने की 17 तारीख को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी थी. इस प्राधिकरण के गठन के पीछे मकसद नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है.
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा था कि अब सिर्फ 50 ऐसी वस्तुएं जीएसटी की 28 फीसदी के ऊंचे कर स्लैब में रह गयी हैं. वहीं, कई वस्तुओं पर कर की दर को घटाकर पांच फीसदी किया गया है.
प्रसाद के अनुसार, राष्ट्रीय मुनाफारोधी प्राधिकरण देश के उपभोक्ताओं के लिए एक विश्वास है. यदि किसी ग्राहक को लगता है कि उसे घटी कर दर का लाभ नहीं मिल रहा है, तो वह प्राधिकरण में इसकी शिकायत कर सकता है.
मंत्री ने कहा था कि यह सरकार की इस बारे में पूर्ण प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह जीएसटी के क्रियान्वयन का पूरा लाभ आम आदमी तक पहुंचाना चाहती है. परिषद ने इससे पहले पांच सदस्यीय राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी थी.
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