नयी दिल्ली : क्रिप्टो करेंसी को समझना हो, तो सरल शब्दों में इसे इंटरनेट मनी के रूप में समझें. इसेकिसी देश का क्रेंद्रीय बैंक जारी नहीं करता. यह कंप्यूटर कोड के जरिये जेनरेट होता है.
इस वक्त हजारों क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस वक्त बिटकॉइन की है. क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल आप अॉनलाइन लेन- देन में कर सकते हैं. पौराणिक काल में सामान के बदले सामान का चलन था.फिर मुद्रा आयी अब . क्रिप्टो करेंसी का दौर है.
आप बाजार में खरीदारी के लिए जेब में पर्स और उसमें पैसे रखते हैं. क्रिप्टो करेंसी भी बिल्कुल वैसी ही है.अब ई-वॉलेट का चलन शुरू हो रहा है.बिटकॉइन को इससे अलग मत समझिये . बस यहां फर्क इतना है कि यहां आपके पैसे बिटकॉइन की खरीद- बिक्री के आधार पर दाम बढ़ते घटते रहेंगे.
कैसे घटती-बढ़ती है कीमत
बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा है और इसी माध्यम में भुगतान के लिए इस्तेमाल होता है.यह मुद्रास्फीति के ऊपर और नीचे होने से भी मुक्त है.ब्याज दर और बाजार के उतार-चढ़ाव का भी इस पर असर नहीं होता है,बल्कि इसकी कीमत बिटकॉइन की खरीद और बिक्री पर घटता बढ़ता है.बिट क्वाइन के वितरण की उच्चतम संख्या210लाख तक रखी गयी है. पहली बार साल 2010 में बिटकॉइन का इस्तेमाल पिज्जा खरीदने के लिए किया गया था. एक पिज्जा के बाद दस हजार बिटकॉइन दिये गये थे. अब एक बिटकॉइन की कीमत 8 लाख रुपये से भी ज्यादा है.
अब समझ लीजिए खतरा क्या है
यह पूरी तरह इस विश्वास पर कायम है कि बिट क्वाइन की एक कीमत है.पारंपरिक मुद्राओं के उलट,यह किसी देश या बैंक से नहीं जुड़ा होता है,न ही इसका कोई भंडार(रिजर्व)होता है.बिट क्वाइन पूरी तरह आपसी प्रतिष्ठा पर आधारित है और इसका व्यापार वेबसाइट पर होता है.यह डिजिटल टोकन पर चलनेवाली मुद्रा है,जिनका वास्तव में कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं होता है.किसी केंद्रीय व्यवस्थापक पर विश्वास करने के बजाय यह सबसे अधिक भरोसे पर आधारित होता है.यह एक ऐसे ट्रांजेक्शन-लेजर पर काम करता है,जिसको मुद्रा के इस्तेमाल करनेवाले संयुक्त तौर पर इसका नियंत्रण करते हैं.स्पष्ट तौर पर समझिये कि अगर बिट क्वाइन किसी कारण बंद हो गया तो आपके पैसे वापस मिलने की कोई गारंटी नहीं लेगा.
आप कैसे खरीद सकते हैं बिटकॉइन
बिटकॉइन खरीदने के लिए सबसे पहले आपको एप्स अपने मोबाइल पर डाउनलोड करना होगा. इस एप्प में आफको अकाऊंट बनाना होगा जिसमेंआपका ईमेल,पैन कार्ड नंबर,बैंक अकाऊंट नंबर और आधार कार्ड जैसी जरूरी जानकारी देनी होगी.इसमें आपकी सारी जानकारी गुप्त रखी जाती है.यही कारण है कि इस पर भारत सरकार की भी विशेष नजर है.
अब समझिये इतिहास क्या है
बिटकॉइन की शुरूआथ साल2008में हुई थी.इसकी शुरूआत के पीछे मान्यता है कि एक छद्म लेखक के शोध के आधार पर इसकी शुरूआत की गयी है.साल2012में इसकी खूब चर्चा होने लगी.दुनिया में कहीं भी इसे कानूनी रूप से मान्यता नहीं दी गयी है.इसकी मदद से दुनिया में कहीं भी बगैर बिचौलिये के पैसे पहुंचाया जा सकता है.
भारत में इसे बढ़ावा देने के लिए साल2014- 15में बेंगलुरु में एक बड़ा आयोजन किया गया.साइबरस्पेश से जुड़े लोगों के बीच पहले यह लोकप्रिय हुआ.इसके बाद धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया.इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है.देश में एक बड़ा समुदाय बिटकॉइनके प्रति बेहद आशान्वित है.भारत में बिटकॉइनका इस्तेमाल करने वालों की संख्या लगभग 20लाख है.
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