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ये हैं वे पांच शेयर जिसमें पांच साल पहले आपने पांच लाख निवेश किये होते तो आज वे होते डेढ़ करोड़

मुंबई : शेयरों में इन्वेस्टमेंट एक व्यवस्थित कारोबार बन चुका है. इसमें निवेश के लिए ग्लोबल के साथ देश की इकोनॉमी के ट्रेंड्स, भविष्य में आगे बढ़ने वाले सेक्टर और कंपनी के मजबूत फंडामेंटल पर नजर रखनी होती है. लेकिन, इन सबसे बढ़ कर कंपनी की लीडरशीप सबसे अहम होती है, जिनके कंधों पर कंपनी […]

मुंबई : शेयरों में इन्वेस्टमेंट एक व्यवस्थित कारोबार बन चुका है. इसमें निवेश के लिए ग्लोबल के साथ देश की इकोनॉमी के ट्रेंड्स, भविष्य में आगे बढ़ने वाले सेक्टर और कंपनी के मजबूत फंडामेंटल पर नजर रखनी होती है. लेकिन, इन सबसे बढ़ कर कंपनी की लीडरशीप सबसे अहम होती है, जिनके कंधों पर कंपनी को आगे खींचना होता है. अगर लीडरशीप मजबूत होता है तो वह कंपनी को विपरीत हालात से बाहर निकाल ले जाता है और कंपनी का लीडरशीप ढीली होती है तो मजबूत व बड़ी कंपनियां भी बदहाल हो जाती हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं. शेयर बाजार में निवेश में लक एक चीज अवश्य होती है, लेकिन यह तुक्केबाजी का काम नहीं है. यह रिसर्च, रिपोर्ट और कंपनी व जिस सेक्टर में आप निवेश करने जा रहे हैंउसकी गतिविधि व संभावनाओं परआधारित कौशल भरा व रणनीतिक काम है. हम आपको यहां कुछ ऐसे शेयरों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने पिछले पांच साल में शानदार रिटर्न दिया है और इन पांच कंपनियों में हरेक में आपने अगर पांच साल पहले एक-एक लाख रुपयेनिवेश किया होता तो आज आपके पास 1.46 करोड़ रुपये यानी लगभग डेढ़ करोड़ रुपये होते. ऐसाभी नहीं है कि अब इन कंपनियों की संभावनाएं खत्म हो गयीं हैं, मार्केट के एक्सपर्ट अब भी इनका भविष्य व संभावना अच्छी होने की ही बात कह रहे हैं.

डालमिया भारत सीमेंट

डालमिया भारत सीमेंट सेक्टर की कंपनी है, जिसके शेयर पिछले पांच साल में 22 गुणा चढ़े. 30 नवंबर 2012 को इस कंपनी के शेयर का मूल्य 144.55 रुपया था, जो 30 नवंबर 2017 को बढ़कर 3139 रुपये हो गया. यानी आपने इसमें पांच साल पहले अगर आपने एक लाख रुपये निवेश किया होता तो आज उसका मूल्य 22 लाख रुपये होता.

सीमेंट सेक्टर में अब भी संभावना है. इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस है. इस सेक्टर में अभी ऊंची जीएसटीलागू है, जिसके कम होने की भी संभावना है. शहरी व गरीबीपक्का आवास पर सरकार का जोर है. यानी सीमेंट सेक्टर की ग्रोथ स्टोरी में अभी काफी दम है.

स्टर्लिंग टूल्स

स्टर्लिंग टूल्स 1979 में अस्तित्व में आयी स्मॉल कैप कंपनी थी, जो अब लगभग मिडकैप कंपनी बन चुकी है और हो सकता है कि यह भविष्य में लार्जकैप कंपनी भी बन जाये. अकेले नवंबर महीने में इस कंपनी ने दो दिन 20-20 प्रतिशत का अपर सर्किट लगाया. इस कंपनी में म्युचुअल फंड कंपनियां भी अपना निवेश बढ़ा रही हैं. यह कंपनी फास्टनर्स बनाती है, जो वाहन कंपनियों सहित विभिन्न उद्योग में यूज में आता है. कंपनी ने लक्ष्य रखा है कि अगले दो-तीन साल में वह अपनी श्रेणी की दुनिया की तीन बड़ी कंपनियों में शामिल हो जायेगी. पांच साल में इस कंपनी के शेयर का मूल्य 24 गुणा बढ़ा है. पांच नवंबर 2012 को इस कंपनी के शेयर का मूल्य 15.83 रुपये था जो 29 नवंबर 2017 को 392 रुपये हो गया. यानी आपने लगभग पांच साल पहले इसमें लगभग एक लाख रुपये डाला होता तो इसका मूल्य आज 24 लाख रुपये के आसपास होता.

जेएचएस स्वेनगार्ड लेबोरेट्री

निखिल नंदा के नेतृत्व में चलने वाली यह कंपनी प्रशनल केयर की उत्पादक है और टूथपेस्ट व टूथब्रश उत्पादन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है. यह कंपनी विभिन्न कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियों को अपना प्रोडक्ट बेचती है. यानी इसका बिजनेस मॉडल बी 2 बी है. इस कंपनी के ग्राहकों में पतंजलि, कोलगेट, हिंदुस्तान यूनिलीवर, फ्यूचर ग्रुप आदि शामिल हैं. पतंजलि की ग्रोथ स्टोरी ने इस कंपनी को बड़ा दमभरा है. इस कंपनी को तब बड़ा झटका लगा था जब टाइड ब्रांड का वाशिंग पाउडर बेचने वाली कंपनी ने इससे अपना करार तोड़ लिया, जिससे इसकी सप्लाई प्रभावित हुई और कंपनी को बड़ा झटका लगा.

लेकिनविजनरीलीडरशिप ने कंपनीको फिर से मजबूतस्थितिमें ला दिया.लगभग साढ़े चार साल पहले नौजुलाई 2013 को इस कंपनी के शेयर का मूल्य 6.61 रुपया थाऔर 30 नवंबर को इसका मूल्य 71.90 रुपया है. यानीसाढ़ेचारसाल में दसगुणा से अधिक की वृद्धि.यानी आपने तब उसमें एक लाख रुपये डाला होतातो उसकामूल्य आज 10 लाख रुपये होता.


सिंफनी

प्रमुख रूप सेएयर कूलर बनाने वाली कंपनी सिंफनी की ग्रोथ स्टोरी शानदार है. इस कंपनी ने पिछले पांच साल में साढ़े नौ गुणा वृद्धि की है. 30 नवंबर 2012 को इसके शेयर का मूल्य 163 रुपये था, जो 29 नवंबर 2017 को बढ़कर 1569 रुपये हो गया. यानी उस समय इसमें किसी ने एक लाख रुपये इसमें डाले होंगे तो उसका मूल्य आज साढ़े नौ लाख रुपये के करीब हो गया. शहरीकरण, मौसम में बदलाव के कारण इस सेक्टर की कंपनियों के उत्पाद की मांग न सिर्फ रहेगी, बल्कि लगातार बढ़ेगी और सिंफनी इसमें एक बड़ा हिस्सेदार पहले भी था, आज भी है और भविष्य में भी बना रहेगा.


अवंती फिड्स

अवंती फिड्स एग्रीकल्चर सेक्टर की प्रमुख कंपनी है, जिसका मौजूदा बाजार पूंजीकरण साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपये से अधिक का है. कृषि व किसानों की आय बढ़ाने पर जिस प्रकार सरकार का जोर है, उससे इस सेक्टर की ग्रोथ स्टोरी शानदार बनी रहेगी. आखिर, पेट भरने के लिए सबको आनाज भी तो चाहिए ही. और आबादी तो बढ़ ही रही है. इस कंपनी के शेयर पांच साल में 80 गुणा बढ़े हैं. यानी 30 नवंबर 2012 को अगर आप इस कंपनी में एक लाख रुपये निवेश करते तो आज ठीक पांच साल बाद उसका मूल्य 80 लाख रुपये होता. उस समय इसके शेयर का मूल्य 32 रुपये था, जो आज 2551 रुपये हो गया है.

तो आपका क्या इरादा है. तुक्केबाजी से बचें. इनवेस्ट हमेशा सोच-समझ कर और उससे भी एक कदम आगे कहेें तो पढ़-लिख कर निवेश करें.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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