नयी दिल्ली : केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि एयर इंडिया की हिस्सेदारी खरीदने में टाटा समूह ने औपचारिक तौर पर दिलचस्पी दिखायी है.
सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. एयर इंडिया पर 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है.
सिन्हा ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा, हमें एयर इंडिया के लिए इंडिगो के साथ-साथ टाटा की ओर से दिलचस्पी का साफ संकेत मिला है.
अब तक हमें जो संकेत मिले हैं, वो औपचारिक हैं. मंत्री ने कहा कि सरकार बोली लगाने की प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर काम कर रही है और रुचि प्रकट करने के साथ-साथ बोली लगने में छह से आठ महीने लगने चाहिए.
इससे पहले इंडिगो ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखकर एयर इंडिया की उड़ान सेवाओं और खासतौर पर उसकी अंतरराष्ट्रीय सेवा को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखायी थी.
यहां यह जानना गौरतलब है कि टाटा समूह ने टाटा एयरलाइंस की स्थापना 1932 में की थी. कराची से बॉम्बे की पहली फ्लाइट खुद जेआरडी टाटा ने उड़ायी थी. आजादी से पहले 1946 में टाटा एयरलाइंस सार्वजनिक कंपनी बन गयी और इसका नाम बदल कर एयर इंडिया कर दिया गया.
टाटा समूह अब फिर से एयर इंडिया को अपना हिस्सा बनाना चाहता है. अगर टाटा समूह एयर इंडिया का अधिग्रहण कर लेता है, तो वह एयर इंडिया का स्वामित्व उसके राष्ट्रीयकरण होने के 64 साल बाद पा लेगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.