नयी दिल्ली : दूरसंचार उद्योग को नुकसान पहुंचाने के लिए जियो को दोषी ठहराने के मामले में अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को सुनील मित्तल पर पलटवार करते हुए कहा कि उद्योगपतियों को मुनाफे की गारंटी के लिए नियामकों तथा सरकारों की ओर देखना बंद करना चाहिए. रिलायंस जियो इंफोकॉम मुकेश अंबानी समूह की दूरसंचार कंपनी है. मित्तल को अपना दोस्त बताते हुए अंबानी ने कहा कि कंपनियों को मुनाफे या नुकसान का जोखिम उठाना पड़ता है. यह जानना अधिक महत्वपूर्ण होगा कि जियो के आने के बाद देश और उपभोक्ताओं को क्या फायदा हुआ.
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एचटी लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा कि जियो के प्रवेश के बाद भारत दुनिया का नंबर एक मोबाइल ब्रॉडबैंड बाजार बन गया है. यहां अमेरिका और चीन की तुलना में अधिक डेटा की खपत हो रही है. उन्होंने कहा कि उद्योग में हम मुनाफे और नुकसान का जोखिम उठाते हैं. मुझे नहीं लगता कि हमें अपने मुनाफे की गारंटी के लिए सरकार और नियामक की ओर देखना चाहिए.
देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के मालिक सुनील मित्तल ने हाल में कहा था कि जियो के प्रवेश के बाद सभी दूरसंचार कंपनियों को मिलकर 40 से 50 अरब डॉलर का निवेश बट्टे खाते में डालना पड़ा है. दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों को इतना नुकसान झेलना पड़ा. अंबानी ने मित्तल के इसी वक्तव्य का जवाब दिया. मुकेश अंबानी ने कहा कि मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि क्या हमने देश को आगे बढ़ाया है और क्या उपभोक्ताओं को फायदा हुआ.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने एक साल पहले रिलायंस जियो की शुरुआत की थी. इस नयी चौथी पीढ़ी की मोबाइल सेवा से दूरसंचार उद्योग में हड़कंप मच गया था. जियो ने मोबाइल पर मुफ्त कॉल्स और सस्ते डेटा की सुविधा दी थी. इसकी वजह से एयरटेल और वोडाफोन जैसी दूसरी कंपनियों को अपनी दरों में कटौती करनी पड़ी थी. ये कंपनियां अभी भी वॉयस कॉल और एसएमएस के लिए शुल्क ले रही है, जबकि जियो ये सुविधाएं मुफ्त में दे रही है.
अंबानी ने कहा कि जियो अपने तय किये गये समय से पहले मुनाफे की ओर बढ़ रही है. जुलाई -सितंबर तिमाही में जियो को 261 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ हुआ है. उसका राजस्व 6,147 करोड़ रुपये रहा. हालांकि, इस तिमाही में कंपनी को 270.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ.
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