नोटबंदी और जीएसटी के झटकों से अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे उभरने लगी है. इसका असर दिखने भी लगा है. वैश्विक वित्तीय कंपनी मोर्गन स्टेनली ने कहा है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर बेहतर स्थिति में रहेगी. फर्म के मुताबिक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर साल 2018 में 7.5 फीसदी रहेगी.साल 2017 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रही. मोर्गन स्टेनली ने 2018 में जहां इसके 7.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है. इसके बाद इसमें रफ्तार का रुझान दिखेगा. इसकी वजह से 2019 में वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक कंपनियों के लाभ और बैलेंसशीट में बुनियादी सुधार हो रहा है. इससे वित्तीय प्रणाली मजबूत होगी तथा निवेश के लिए ऋण मांग की जरूरत पूरी करने में सक्षम होगी.रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि ये सभी बातें 2018 में आर्थिक गति का मार्ग प्रशस्त करेंगी और वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर इस साल के 6.4 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी और जीएसटी के बाद अब मांग सुधरने लगी है और इससे अर्थव्यवस्था की अवस्था में भी सुधार दिखने लगा है. इससे निजी पूंजीगत व्यय में सुधार होने की संभावनाओं को लेकर मॉर्गन स्टेनली आश्वस्त है. इसके अतिरिक्त, खपत और निर्यात में तेजी आ रही है और जिसकी वजह से कंपनियों के राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है.
बता दें कि पिछले दिनों मोदी सरकार को जीएसटी और नोटबंदी की वजह से काफी आलोचना का शिकार होना पड़ा था. कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने देश की वृद्धि दर को लेकर चिंता जताई थी. इसके साथ ही पिछले दो महीनों में मोदी सरकार के लिए कई खुशखबरी भी आई. इन खबरों ने न सिर्फ मोदी सरकार को विपक्ष को जवाब देने में सक्षम बनाया, बल्कि अर्थव्यवस्था को लेकर जताई गई चिंताओं को भी दूर किया.
बेहतर हुई जीडीपी
वर्ष 2017-18 दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रहा. जीडीपी के इन आंकड़ों से केंद्र सरकार को राहत पहुंची है क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.7 फीसदी थी.
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