नयी दिल्ली : गुजरात में दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले महंगार्इ के मोर्चे पर सरकार को एक बार फिर झटका लगा है. खुदरा महंगार्इ दर में एक फीसदी की वृद्धि देखने को मिल रही है. नवंबर के महीने में खुदरा महंगार्इ दर यानी सीपीआर्इ बढ़कर 4.88 फीसदी पर पहुंच गयी है. वहीं, अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 3.58 फीसदी रही थी.
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हालांकि, खाने-पीने की चीजों की महंगाई को लेकर थोड़ी राहत नजर आ रही है. मासिक आधार पर नवंबर में खाद्य महंगाई दर 1.9 फीसदी से घटकर 1.58 फीसदी रही है. महीने दर महीने आधार पर नवंबर में शहरी इलाकों की महंगाई दर 3.81 फीसदी से बढ़कर 4.9 फीसदी रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों की महंगाई दर 3.36 फीसदी से बढ़कर 4.79 फीसदी रही.
मासिक आधार पर नवंबर में दालों की महंगाई दर -23.13 फीसदी के मुकाबले -0.76 फीसदी रही है. नवंबर में सब्जियों की महंगाई दर 6.89 फीसदी रही है. महीने दर महीने आधार पर नवंबर में र्इंधन, बिजली की महंगाई दर 6.36 फीसदी से घटकर 2.04 फीसदी रही है. इसके साथ ही, नवंबर में कपड़ों और जूतों की महंगाई दर 4.76 फीसदी से घटकर 0.64 फीसदी रही है.
इतना ही नहीं, सरकार को आैद्योगिक उत्पादन के क्षेत्र में भी करारा झटका लगा है. अक्टूबर में आैद्योगिक उत्पादन की वृद्धि घटकर 2.2 फीसदी रही. सितंबर में आईआईपी वृद्धि 4.1 फीसदी रही थी. सितंबर की आईआईपी वृद्धि 3.8 फीसदी से संशोधित होकर 4.1 फीसदी हो गयी है. वहीं, सालाना आधार पर अप्रैल-अक्टूबर के दौरान आईआईपी वृद्धि 5.5 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी रही.
मासिक आधार पर अक्टूबर में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 3.4 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी रही. वहीं, खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 7.9 फीसदी से घटकर 0.2 फीसदी रही है. मासिक आधार पर अक्टूबर में बिजली क्षेत्र की वृद्धि 3.4 फीसदी से घटकर 3.2 फीसदी रही है. मासिक आधार पर अक्टूबर में पूंजीगत सामान की वृद्धि 7.4 फीसदी से घटकर 6.8 फीसदी रही. इसके साथ ही, प्राथमिक वस्तुआें की वृद्धि दर 6.6 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी रह गयी.
मासिक आधार पर अक्टूबर में उपभोक्ता वस्तुआें की वृद्धि -4.8 फीसदी के मुकाबले -6.9 फीसदी रही है. वहीं, गैर-उपभोक्ता वस्तुआें की वृद्धि 10 फीसदी से घटकर 7.7 फीसदी रही. अक्टूबर में इंटरमीडिएट गुड्स की वृद्धि 1.9 फीसदी से घटकर 0.2 फीसदी रही.
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