नयी दिल्ली : विधि व सूचना तकनीक मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि जब उनके पास संचार मंत्रालय का प्रभार था, तो उन्होंने फेसबुक की फ्री- बेसिक्स योजना को अनुमति देने से इनकार कर दिया. प्रसाद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि इंटरनेट तक पहुंच के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता.
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उन्होंने कहा कि यह मैंने पहले भी कहा था, जब फेसबुक फ्री बेसिक्स के साथ भारत आयी और मैंने इसकी समीक्षा की, उस समय मेरे पास संचार विभाग था, मैंने पाया कि यह तभी मुफ्त होगी जबकि आप उनके दरवाजे से ही आयेंगे. भारत किसी एक दरवाजे या प्रवेश द्वार में भरोसा नहीं करता और मैंने उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि अमेरिका नेट निरपेक्षता को लेकर अपने रख का फैसला कर सकता है, लेकिन हमारा रुख तो पहले दिन से ही स्पष्ट है कि इंटरनेट तक सबकी समान पहुंच के अधिकार से कोई समझौता नहीं किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि दूरसंचार नियामक ट्राई ने विभिन्न डेटा प्लेटफार्म के लिए भेदकारी कीमतों के खिलाफ व्यवस्था दी है. ट्राई की सिफारिशों पर अब दूरसंचार विभाग को फैसला करना है. प्रसाद ने कहा कि जब उन्होंने आईटी मंत्रालय का कार्यभार संभाला केवल दो ही कंपनियां देश में मोबाइल फोन बना रही थी. उन्होंने कहा कि मुझे आज यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि बीते तीन साल में भारत में मोबाइल कारखानों की संख्या 108 तक पहुंच गयी.
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