नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के लिये अगला साल व्यस्त रहने वाला है. संगठन ने पूर्ण रूप से डिजिटलीकरण के साथ सभी खातों को आधार से जोड़ने का लक्ष्य रखा है जिसका एकमात्र मकसद लगभग 4.6 करोड़ अंशधारकों के लिये सेवा डिलीवरी को बेहतर बनाना है. इसके अलावा शेयर बाजार में निवेश की सीमा बढ़ाने का काम भी उसके एजेंडे में है.
सेवाओं को चाक चौबंद करने को लेकर गंभीर ईपीएफओ भविष्य निधि खातों को बायोमीट्रिक पहचान संख्या आधार से जोड़ने तथा मोबाइल के जरिये सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) सृजित करने पर भी गौर कर रहा है. ईपीएफओ ने भविष्य निधि निकासी से लेकर पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने समेत अंशधारकों को सभी प्रकार की सेवाएं स्मार्टफोन पर उपलब्ध कराने के इरादे से 2017 में डिजिटलीकरण जोर-शोर से शुरू किया.
आने वाले वर्ष में कार्यों के बारे में बताते हुए केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वी पी जॉय ने कहा, ईपीएफओ 15 अगस्त 2018 तक पूरी तरह कागजरहित संगठन होगा. उसका सारा कामकाज डिजिटल रूप से होगा. इसके अलावा हमारा जोर अंशधारकों तथा पेंशनभोगियों को सभी प्रकार की सेवाएं स्मार्टफोन के जरिये कहीं भी, किसी भी समय उपलब्ध कराने का लक्ष्य होगा.
उन्होंने यह भी कहा कि ईपीएफओ की एक सप्ताह सुविधा शुरू करने की योजना है जिसमें उपयोगकर्ता मोबाइल फोन के जरिये अपने आधार को पीएफ खातों से जोड़ सकेंगे. जॉय ने कहा, इसके अलावा हम जल्दी ही अंशधारकों को मोबाइल फोन का उपयोग कर सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) सृजित करने की सुविधा उपलब्ध करायेंगे. फिलहाल यह सेवा आनलाइन उपलब्ध है.
उन्होंने कहा कि ईपीएफओ सभी यूएएन को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया में है ताकि भुगतान आधार युक्त भुगतान प्रणाली (एईपीएस) के जरिये किया जा सके. फिलहाल ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या 4.6 करोड़ है. इसमें से 2.75 करोड़ ने अपने पीएफ खातों से आधार को जोड़ दिया है. हालांकि 2.75 करोड़ में से 1.25 करोड़ आधार संख्या का सत्यापन किया जा सका है.
ईटीएफ में किये गये निवेश में अपनी हिस्सेदारी देख सकेंगे अंशधारक
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ऐसी योजना पर भी काम कर रहा है जिससे अंशधारक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में किये गये निवेश में अपनी हिस्सेदारी को देख सकते हैं. इसके तहत वे अप्रैल से अपने पीएफ खातों में ईटीएफ यूनिट देख सकते हैं. पिछले महीने ईपीएफओ ने सदस्यों के पीएफ खातों में ईटीएफ यूनिट को डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
अंशधारक सेवानिवृत्ति या मकान खरीदने, बच्चों की शादी या शिक्षा जैसे काम के लिये पीएफ निकालते समय इसे भुना सकते हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने ईटीएफ में अगस्त 2015 से निवेश शुरू किया और अबतक इसमें 32,000 करोड़ रुपये लगाया है. इस पर अबतक 21.87 प्रतिशत लाभ मिला है. इन सबके अलावा ईपीएफओ अगले साल संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिये वेतन सीमा मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने पर भी विचार कर रही है.
संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले जिन कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये प्रति माह तक है, वे अनिवार्य रूप से ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आते हैं. वेतन में मूल वेतन तथा महंगाई भत्ता शामिल है. एक अनुमान के अनुसार इस कदम से ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में करीब 50 लाख कर्मचारी और जुडेंगे.
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