नयी दिल्ली : आम लोगों के लिए एक, दो, पांच और दस रुपये के सिक्के आज भी सिरदर्द बने हुए हैं. आरबीआई की गाइडलाइन के बाद भी बैंक सिक्के लेने से मना करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, बाजार में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के सिक्के हैं. आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने एक बार फिर बैंकों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
रिजर्व बैंक की एडवाइजरी में बैंकों को सलाह दी गयी है कि बैंक सिक्का मेला लगायें और लोगों का सिक्का बैंकों में जमा करें. इससे पहले रिजर्व बैंक ने एडवाइजरी जारी की थी कि सभी बैंक अपनी शाखाओं में ‘यहां सिक्के जमा होते हैं’ का एक बोर्ड लगायें. लेकिन कम ही बैंकों ने इस एडवाइजरी का पालन किया था.
ऐसे में छोटे कारोबारियों के पास सिक्कों का जमावड़ा हो गया है. वे अपने सिक्के ना तो ग्राहकों को दे पा रहे हैं और ना ही बैंकों में जमा कर पा रहे हैं. सिक्का जमा न लेने के पीछे बैंक अधिकारियों की भी अपनी दलील है. उनका कहना है कि स्टाफ की कमी के कारण सिक्के जमा नहीं हो पा रहे हैं. चूंकि सिक्के गिनने में ज्यादा समय लगता है और बैकों में उस अनुपात में कर्मचारी नहीं है. इस वजह से कई शाखाओं पर सिक्के जमा लेने में परेशानी हो रही है.
हालांकि कुछ बैंकों का कहना है कि जल्द की सिक्के गिनने वाली मशीनें बैंकों में लग जायेंगी. उसके बाद सिक्का जमा लेने में कोई परेशानी नहीं होगी. दूसरी ओर, रिजर्व बैंक की एडवाइजरी के बाद अगर बैंक सिक्का मेला लगाते हैं, तो भी आम लोगों की परेशानी काफी हद तक दूर हो सकती है.
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