मुंबई : अगर आप अब तक भारत के शेयर बाजार में पैसा निवेश नहीं कर पाये हैं, तो संभव है कि भविष्य में आपको अपने इस फैसले पर पश्चाताप करना पड़े. उदारीकरण के दौर में भारत के शेयर बाजार की पूंजी लगातार बढ़ रही है. भारत के मिड कैप कंपनियों ने 150 लाख करोड़ का रिकार्ड स्तर पार कर लिया है. स्टॉक मार्केट में तेजी और रिकार्ड लिस्टिंग से देश के बीएसई के मार्केट वैल्यू में 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.
वहीं सेंसेक्स में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. इस साल कई बड़ी कंपनियों ने बाजार में आइपीओ पेश किया. सिर्फ आइपीओ को ही लिया जाये तो 6.4 लाख करोड़ रुपये का मार्केट वैल्यू बाजार में जोड़ा जा चुका है. रिलांयस इंडस्ट्रीज की पूंजी में 2.2 लाख करोड़ की वृद्धि दर्ज की गयी है. इस साल देश का मार्केट पूंजीकरण और जीडीपी का अनुपात 100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है, जो कि एक रिकार्ड है, पिछले पांच सालों का यह शीर्ष स्तर है. इस तरह की बढ़ोतरी 2007 में देखी गयी थी, जब बाजार पूंजीकरण और जीडीपी का अनुपात 150 प्रतिशत पर था.
अगर भारत के अलावा किसी दूसरे देश के मार्केट कैप पर नजर डालें तो दक्षिण कोरिया का प्रदर्शन भारत के बाद दूसरे स्थान पर है. साल 2017 में दक्षिण कोरिया में बाजार पूंजीकरण में 39 प्रतिशत बढ़त दर्ज की गयी है. इटली की कंपनियों का मार्केट पूंजीकरण में 36 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी है. दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस और जर्मनी की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. कंपनियां जैसी एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ, एवेन्यू सुपरमार्ट्स जैसी कंपनियों ने बाजार में 50,000 करोड़ से 70, 000 करोड़ रुपये जोड़े हैं.
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