PPF सहित लघु बचत जमाओं पर सरकार ने घटायी 0.2% ब्याज दरें
नयी दिल्ली : सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर में बुधवार को 0.2 प्रतिशत की कटौती की. यह कटौती जनवरी-मार्च अवधि के लिये है. इससे बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज में कमी कर सकते हैं. दूसरी तरफ पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना […]
नयी दिल्ली : सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर में बुधवार को 0.2 प्रतिशत की कटौती की. यह कटौती जनवरी-मार्च अवधि के लिये है. इससे बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज में कमी कर सकते हैं. दूसरी तरफ पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 8.3 प्रतिशत पर बरकरार रखी गयी है. वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज दर तिमाही आधार पर दी जाती है.
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र (केवीपी) तथा पीपीएफ जैसी योजनाओं पर ब्याज दर कम की गयी हैं. हालांकि, बचत जमा पर ब्याज दर को सालाना 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. पिछले वर्ष अप्रैल से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में तिमाही आधार पर बदलाव किया जा रहा है.
अधिसूचना के मुताबिक पीपीएफ तथा एनएससी पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत मिलेगी जबकि केवीपी पर 7.3 प्रतिशत होगी और यह 11 महीने में परिपक्व होगा. बालिकाओं से जुड़ी बचत योजना सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज दर 8.1 प्रतिशत होगी जो अभी 8.3 प्रतिशत है. एक से पांच साल की अवधि के लिये मियादी जमा पर ब्याज दर 6.6 से 7.4 प्रतिशत होगी. यह ब्याज तिमाही आधार पर मिलेगा.
वहीं आवर्ती जमा पर ब्याज दर 6.9 प्रतिशत होगी. मंत्रालय ने 2017-18 की चौथी तिमाही के लिये ब्याज दर को अधिसूचित करते हुए कहा, सरकार के फैसले के आधार पर लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है. प्रत्येक तिमाही ब्याज दर निर्धारित किये जाने की घोषणा करते हुए मंत्रालय ने कहा था कि लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार के बांड के रिटर्न से जुड़ी होगी. इस कदम के बाद बैंक अपनी जमाओं पर ब्याज दर में कमी कर सकते हैं.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.