मुंबई : देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने मकान खरीदने वालों तथा कर्ज ले रखे ग्राहकों को राहत दी है. बैंक ने मार्च के अंत तक जहां कर्ज पर प्रसंस्करण शुल्क छूट की मियाद मार्च अंत तक बढ़ा दी है. साथ ही आधार दर में 0.30 प्रतिशत की कटौती कर 8.65 प्रतिशत कर दिया है. नयी दरें 1 जनवरी से प्रभावी हो गयी हैं. इससे बैंक के करीब उन 80 लाख ग्राहकों को लाभ होगा जो आधार दर से जुड़े हैं.
अत्यधिक नकदी के साथ एसबीआई ने वाहन तथा मकान के लिये प्रसंस्करण शुल्क में छूट की घोषणा की थी. औद्योगिक कर्ज में वृद्धि नहीं होने से वास्तव में पिछले वित्त वर्ष में खासकर नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद सभी बैंकों के पास पर्याप्त नकदी है.
पिछले दो साल में पहली बार कंपनियों द्वारा लिये जाने वाले कर्ज में नवंबर में वृद्धि हुई. हालांकि यह वृद्धि महज एक प्रतिशत थी.
एसबीआई ने एक बयान में कहा, हमने नये ग्राहकों के लिये आवास ऋण पर कर्ज प्रसंस्करण शुल्क में छूट की अवधि 31 मार्च, 2018 तक बढाने का फैसला किया. खुदरा और डिजिटल बैंकिंग के प्रबंध निदेशक पी के गुप्ता ने कांफ्रेन्स कॉल में कहा कि रीयल एस्टेट कानून (रेरा) के क्रियान्वयन के बाद जमीन-जायदाद के क्षेत्र में स्थिरता लौटने के साथ आने वाले समय में आवास ऋण की मांग बढ़ेगी.
बैंक ने मौजूदा ग्राहकों के लिये आधार दर तथा प्रधान उधारी दर में भी संशोधन किया है. इसके तहत आधार दर 8.95 प्रतिशत से घटाकर 8.65 प्रतिशत तथा प्रधान उधारी दर (बीपीएलआर) 13.70 प्रतिशत से कम कर 13.40 प्रतिशत कर दिया है. हालांकि बैंक ने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में कोई बदलाव नहीं किया है.
बैंक की एम साल के कर्ज के लिये एमसीएलआर 7.95 प्रतिशत है. गुप्ता ने कांफ्रेन्स कॉल में कहा, हमने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ब्याज दर की समीक्षा की और जमा पर ब्याज दरों के आधार पर हमने आधार दर 0.30 प्रतिशत कम कर अब 8.65 प्रतिशत कर दिया है.
बैंक का एक साल के लिये एमसीएलआर 7.95 प्रतिशत है. करीब 80 लाख ग्राहक ब्याज दर की पुरानी व्यवस्था पर है और उन्होंने एमसीएलआर को नहीं अपनाया. इन ग्राहकों को इस कटौती का लाभ होगा. बैंक मासिक आधार पर एमसीएलआर की समीक्षा करता है जबकि आधार दर की समीक्षा तिमाही आधार पर होती है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.