भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)ने नया सैटेलाइट तैयार किया है. यह भारत में तैयार अब तक का सबसे वजनी सैटेलाइट है. लगभग छह टन वजन वाला यह एक संचार सैटेलाइट है, जिसे जीसैट-11 नाम दिया गया है.
बताया जाता है कि लांच होने के बाद यह सैटेलाइट मोदी सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान को तगड़ी रफ्तार देगा. जीसैट-11 काफी बड़ा सैटेलाइट है, जिसका हर सौर पैनल 4 मीटर से भी बड़ा है और यह 11 किलोवाट ऊर्जा का उत्पादन करेगा.
लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किये गये इस सैटेलाइट कीक्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जानकारों के मुताबिक, भारत ने अब तक जितने संचार सैटेलाइट छोड़े हैं, अकेले जीसैट-11 की क्षमता उन सबके बराबर है.
यह इंटरनेट सेवाएं देने वाला देश का पहला सैटेलाइट होगा और ऐसा माना जाता है कि भारत में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाओं के विस्तार में इससे क्रांतिकारी बदलाव आयेगा.
बताते चलें कि सरकार की योजना आनेवाले दिनों में ग्राम पंचायत स्तर तक इंटरनेट सेवाएं पहुंचाने की है और यह सैटेलाइट इसमें बड़ी भूमिका निभायेगा.
भारी-भरकम सैटेलाइट जीसैट-11 को अंतरिक्ष में स्थापित करने लायक क्षमता का रॉकेट फिलहाल इसरो के पास नहीं है, इसलिए इसे फ्रेंच गुयाना से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एरियान-5 रॉकेट के जरिए लांच किया जायेगा.
इसरो के अनुसार फिलहाल जीसैट-11 को प्रक्षेपण केंद्र भेजने की तैयारियां चल रही हैं. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस उपग्रह को जनवरी के अंत तक लांच कर लिया जायेगा.
यहां यह जानना गौरतलब है कि जीसैट-11 इसरो के इंटरनेट बेस्ड सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा है, जिसका मकसद इंटरनेट स्पीड को बढ़ाना है. इसके तहत अंतरिक्ष में 18 महीने में तीन सैटेलाइट भेजे जाने हैं. इसमें पहला सैटेलाइट जून 2017 में भेजा जा चुका है और तीसरा सैटेलाइट इस साल के आखिर में लांच किया जा सकता है.
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