Good News : H-1B विस्तार नीति में नहीं होगा कोई बदलाव, 7.5 लाख भारतीयों को राहत

वाशिंगटन : भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों के लिए राहत की खबर है. अमेरिकी अधिकारियों ने आज कहा कि ट्रंप प्रशासन ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है जिसमें एच-1बी वीजा धारकों को देश छोड़ने पर मजबूर किया जाये. अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) की ओर से यह घोषणा ऐसे समय की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2018 3:59 PM

वाशिंगटन : भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों के लिए राहत की खबर है. अमेरिकी अधिकारियों ने आज कहा कि ट्रंप प्रशासन ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है जिसमें एच-1बी वीजा धारकों को देश छोड़ने पर मजबूर किया जाये.

अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) की ओर से यह घोषणा ऐसे समय की गयी है, जब इस तरह के समाचार आ रहे थे कि ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा नियमों को सख्त बनाने पर विचार कर रहा है.

इन नियमों की सख्ती से 7,50,000 भारतीयों को देश छोड़ना पड़ सकता है. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी प्रशासन एच-1बी वीजा धारकों की वीजा अवधि बढ़ाने के प्रावधान को समाप्त करने पर विचार कर रहा है.

अमेरिकी विभाग ने कहा, वह ऐसे किसी नियामकीय बदलाव पर विचार नहीं कर रहा है, जिससे एच-1बी वीजा धारकों को अमेरिका छोड़ना पड़े. अमेरिका अपने 21वीं सदी में प्रतिस्पर्धात्मकता कानून (एसी21) की धारा 104सी की भाषा में कोई बदलाव नहीं कर रहा है.

यह धारा एच-1बी वीजा अवधि में विस्तार प्रदान करती है. इस धारा के तहत एच-1बी वीजा की अवधि को छह साल से भी आगे बढ़ाया जा सकता है.

यूएससीआइएस में मीडिया प्रमुख जोनाथन विथंगटन ने एक वक्तव्य में कहा, यदि ऐसा कुछ होता तो भी इस प्रकार के बदलाव से एच-1बी वीजा धारकों को अमेरिका नहीं छोड़ना पड़ता क्योंकि कानून की धारा 106 ए-बी के तहत इन पेशेवरों के नियोक्ता एक-एक साल के लिए विस्तार के लिए आग्रह कर सकते हैं.

विथंगटन ने कहा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के Buy American, Hire American संबंधी आदेश पर अमल के लिए एजेंसी कई तरह के नीतिगत बदलावों को आगे बढ़ा रही है. इसके तहत रोजगार से जुड़े तमाम वीजा कार्यक्रमों की भी समीक्षा की जा रही है.

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