”नोटबंदी” के बाद ”सिक्काबंदी” करेगी मोदी सरकार? नये सिक्कों का प्रोडक्शन बंद!
रांची : अपने पहले ही कार्यकाल में आर्थिक मोर्चे पर कई बड़े बदलाव लाने वाले नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नोटबंदी कर देशवासियों को चौंका दिया था. वहीं अब सिक्के को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है. खबरों के अनुसार मोदी सरकार ‘सिक्काबंदी’ भी कर सकती है. जानकारी के अनुसार देश के चारो टकसालों […]
रांची : अपने पहले ही कार्यकाल में आर्थिक मोर्चे पर कई बड़े बदलाव लाने वाले नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नोटबंदी कर देशवासियों को चौंका दिया था. वहीं अब सिक्के को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है. खबरों के अनुसार मोदी सरकार ‘सिक्काबंदी’ भी कर सकती है. जानकारी के अनुसार देश के चारो टकसालों में सिक्का निर्माण का काम बंद कर दिया गया है.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार आरबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि नोएडा, मुंबई, कोलकाता और हैदराबाद के सरकारी टकसालों में सिक्कों का प्रोडक्शन बंद हो गया है. अधिकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद काफी मात्रा में सिक्कों का प्रोडक्शन हुआ था, जो अभी भी रिजर्व बैंक के पास पड़े हुए हैं. सिक्कों की बढ़ी संख्या आम लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है.
छोटे दुकानदार अपने ग्राहकों से आज भी सिक्का नहीं ले रहे हैं. पांच और दस रुपये के बड़े सिक्के तो कुछ दुकानदार ले भी लेते हैं, लेकिन एक और दो रुपये के सिक्के लेने से सभी मना कर रहे हैं. रिजर्व बैंक के पास आठ जनवरी तक स्टोरेज में 2500 MPCS सिक्कों का स्टोरेज है. इसे खपाना भी रिजर्व बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती है.
हालांकि सरकार की ओर से ऐसी कोई भी सूचना नहीं है कि नोटबंदी की ही तरह सिक्काबंदी भी हो सकता है. सरकार और रिजर्व बैंक ने कई बार यह कहा भी है कि सभी प्रकार के सिक्के आज भी चलन में हैं और इसे लेने से इनकार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए कई बार एडवाइजरी जारी की है कि वे सिक्के जमा लें.
एक बार के अपने एडवाइजरी में रिजर्व बैंक ने कहा था कि सभी बैंक अपने ब्रांच में नोटिस बोर्ड पर यह नोटिस चिपकाएं कि ‘यहां सिक्के जमा होते हैं.’ वहीं दूसरी एडवाइजरी में रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा था कि वे सिक्का मेला लगाकर लोगों से सिक्का लें और उनके खाते में जमा करें. हालांकि जमीनी स्तर पर अभीतक यह देखने को नहीं मिला है.
बैंकों की दलील है कि कर्मचारियों की कमी के कारण वे सिक्का जमा नहीं ले पा रहे हैं. जमा लेने के लिए सिक्का गिनने में काफी वक्त लगता है, जिससे बाकी कामकाज प्रभावित होता है. देशभर में सिक्का नहीं लेने के कई मामलों में नौबत मारपीट तक आ गयी है.
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