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”नोटबंदी” के बाद ”सिक्‍काबंदी” : RBI के पास सिक्‍के रखने की जगह नहीं… !

नयी दिल्‍ली/मुंबई : देश के चारो टकसालों में सिक्‍कों की ढलाई बंद कर दी गयी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) ने जगह की कमी को इसका मुख्‍य कारण बताया है. पिछले साल नोटबंदी के बाद काफी मात्रा में सिक्‍कों का प्रोडक्‍शन हुआ था. इसमें से काफी सिक्‍के बाजार में आ गये, फिर भी आरबीआई के […]

नयी दिल्‍ली/मुंबई : देश के चारो टकसालों में सिक्‍कों की ढलाई बंद कर दी गयी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) ने जगह की कमी को इसका मुख्‍य कारण बताया है. पिछले साल नोटबंदी के बाद काफी मात्रा में सिक्‍कों का प्रोडक्‍शन हुआ था. इसमें से काफी सिक्‍के बाजार में आ गये, फिर भी आरबीआई के बहुत से सिक्‍के बचे रह गये हैं.

बाजार में सिक्‍कों की भरमार की वजह से आम लोगों को हो रही परेशानी के कारण आरबीआई ने और अधिक सिक्‍के बाजार में नहीं उतारे. जिसकी वहज से भंडारण की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो गयी. अब आलम यह है कि आरबीआई के पास और अधिक सिक्‍के रखने की जगह नहीं बची है. दूसरी ओर बैंक भी सिक्‍कों के लेनदेन में आरबीआई का गाइडलाइन सख्‍ती से फॉलो नहीं कर रहे हैं.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि कोलकाता, मुंबई, नोएडा और हैदराबाद स्थित छापाखानों ने सिक्‍कों की ढलाई बंद कर दी है. छापाखानों का संचालन करने वाली सार्वजनिक कंपनी सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने एक निर्देश में कहा था कि प्रचलन वाले सिक्कों का उत्पादन तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. उसमें कहा गया था कि छापाखानों में बिना ओवरटाइम के कार्य के सामान्य घंटों में काम होता रहेगा.

आपको बता दें कि सिक्‍कों की समस्‍या से निपटने के लिए आरबीआई ने बैंकों के लिए कई गाइडलाइन जारी किये हैं. एक गाइडलाइन के अनुसार आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि वे अपने नोटिस बोर्ड में ‘यहां सिक्‍के जमा होते हैं’ वाली सूचना प्रदर्शित करें. वहीं एक दूसरे गाइडलाइन में आरबीआई ने बैंकों को समय-समय पर ‘सिक्‍का मेला’ लगाकर सिक्‍के जमा लेने का निर्देश दिया था.

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