नयी दिल्ली : एकतरफ देश के सरकारी बैंक एनपीए की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर देश के सार्वजनिक बैंकों के पास आठ हजार करोड़ जमा हैं और उस जमा पैसे का कोई दावेदार नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक बैंकों में सरकार द्वारा KYC नियमों में की गई सख्ती की वजह से ऐसे खातों की संख्या बढ़ गयी है. ज्ञात हो कि नये नियमों के मुताबिक खाताधारक के परिजनों को पैसा निकालने के लिए करीबी रिश्ता स्थापित करने की जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के 47 लाख खातों ( जमा राशि 1,036 करोड़ रुपये), कैनरा बैंक के 47 लाख खातों (995 करोड़ रुपये) और पंजाब नैशनल बैंक के 23 लाख खातों (829 करोड़) का कोई दावेदार नहीं है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दिसबंर 2016 तक अलग-अलग बैंकों के 2.63 खातों में पड़े 8,864.6 करोड़ रुपयों का कोई दावेदार नहीं है. 2012 से 2016 यानी पिछले चार सालों में इस तरीके का पैसा दोगुना हो गया है. ऐसे खातों की संख्या 2012 में 1.32 करोड़ थी जो 2016 में 2.63 करोड़ हो गयी थी. वहीं 2012 में उनमें जमा पैसा 3,598 करोड़ रुपये था जो कि 2016 में 8,864 रुपये हो गया था.
आरबीआई का निर्देश
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि दस साल से जिन खातों का कोई दावेदार सामने नहीं आया है. उनकी सूची तैयार कर वेबसाइट में जारी करें. वेबसाइट में दर्ज जानकारी में अकाउंट होल्डर्स के नाम, अड्रेस शामिल होंगे.
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