नयी दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था की औसत वृद्धि दर 2020-22 के दौरान 7.3 प्रतिशत रहेगी. मॉर्गन स्टेनली की शोध रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी के अनुसार, मध्यम अवधि के परिदृश्य के हिसाब से भारत की संरचनात्मक वृद्धि की कहानी मजबूत रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी निवेश चक्र में सुधार होगा और इसकी शुरुआत 2018 में होने की उम्मीद है.
इससे यह सुनिश्चित होगा कि अर्थव्यवस्था सतत और उत्पादक वृद्धि चक्र में प्रवेश कर गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा अनुमान है कि 2020-22 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की औसत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहेगी.
इसमें कहा गया है कि कुल नीतिगत मोर्चे पर भी समर्थन मिलेगा, जिससे उत्पादकता में और सुधार होगा. इससे वृहद स्थिरता के जोखिमों को सीमित रखने में मदद मिलेगी.
मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि 2018 में निजी निवेश खर्च में सुधार होगा, जिसकी कुल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों की आय को लेकर उम्मीदें और बही खातों के आधार में सुधार और साथ में वित्तीय प्रणाली मजबूत होने से निवेश के लिए ऋण की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे में हमारा अनुमान है कि 2017 के 6.4 प्रतिशत से 2018 में वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत पर पहुंच जायेगी और 2019 में यह 7.7 प्रतिशत पर होगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.