GST : 78 चीजें हुईं सस्ती, हैंडीक्रॉफ्ट्स के 29 आइटम्स पर टैक्स खत्म

नयी दिल्ली : बजट पेश होने से ठीक पहले आज जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक हुई. बैठक में 49 वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटायी गयी है. वहीं 29 हैंडीक्रॉफ्ट आइटमों पर टैक्स खत्म कर दिया गया है. आज की बैठक के बाद 78 चीजें सस्ती हो जायेगी. जीएसटी की बदली हुई दरें 25 जनवरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2018 6:54 PM

नयी दिल्ली : बजट पेश होने से ठीक पहले आज जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक हुई. बैठक में 49 वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटायी गयी है. वहीं 29 हैंडीक्रॉफ्ट आइटमों पर टैक्स खत्म कर दिया गया है. आज की बैठक के बाद 78 चीजें सस्ती हो जायेगी. जीएसटी की बदली हुई दरें 25 जनवरी से लागू होगी. बैठक से पहले पेट्रोल – डीजल व रियल एस्टेट को भी जीएसटी दायरे में कयास लगाये जा रहे थे, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हो पायी. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में यह जीएसटी काउंसिल की 25 वीं बैठक थी.जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे

रिटर्न फाइलिंग को लेकर 10 दिन बाद फिर से बैठक बुलायी गयी है. बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैठक में रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को सहज बनाने को लेकर चर्चा हुई. वित्त मंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में नंदन नीलेकणि ने प्रजेंटशन दिया है.इंटीग्रेटेड जीएसटी के जरिये प्राप्त 35,000 करोड़ रुपये का बंटवारा राज्य और केंद्र सरकारों के बीच किया जायेगा. इस बात को लेकर भी सहमति बनी हुई है.
वित्त मंत्री ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के सामान या माल की आपूर्ति के लिए अपने साथ इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल रखना होगा। यह व्यवस्था एक फरवरी से क्रियान्वित की जा रही है. इससे कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि 15 राज्यों ने राज्य में वस्तुओं की आवाजाही के लिए ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है. जीएसटी को पिछले साल एक जुलाई से लागू किया गया था, लेकिन ई-वे बिल के प्रावधान को आईटी नेटवर्क की तैयारियां पूरी नहीं होने की वजह से टाल दिया गया था. एक बार ई-वे बिल प्रणाली लागू होने के बाद कर चोरी काफी मुश्किल हो जाएगी, क्योंकि सरकार के पास 50,000 रुपये से अधिक के सभी सामान की आवाजाही का ब्योरा होगा. यदि आपूर्तिकर्ता या फिर खरीदार में से कोई एक भी रिटर्न दाखिल नहीं करता है, तो इस अंतर को पकड़ा जा सकेगा.

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