इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी वी बालाकृष्णन ने बताया कैसे सफल होंगे स्टार्टअप
हैदराबाद : आईटी कंपनी इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा कि अगर नियामकीय वातावरण अन्य सभी चीजों की तरह अनुकूल होता है तो भारतीय स्टार्टअप को फलने-फूलने में मदद मिलेगी. इससे स्टार्टअप को वित्तपोषण, कौशल और वैश्विक बाजार से जोड़ने में मदद मिलेगी.उन्होंने कहा कि अब निवेशक बिजनेस-टू-कंज्यमूर (बी2सी) स्टार्टअप की […]
हैदराबाद : आईटी कंपनी इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा कि अगर नियामकीय वातावरण अन्य सभी चीजों की तरह अनुकूल होता है तो भारतीय स्टार्टअप को फलने-फूलने में मदद मिलेगी.
इससे स्टार्टअप को वित्तपोषण, कौशल और वैश्विक बाजार से जोड़ने में मदद मिलेगी.उन्होंने कहा कि अब निवेशक बिजनेस-टू-कंज्यमूर (बी2सी) स्टार्टअप की जगह बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.बालकृष्णन ने कहा कि पिछले दो सालों में स्टार्ट-अप क्षेत्र में बहुत उथल-पुथल रही है लेकिन अब काफी हद तक स्थिरता आई है.
उन्होंने कहा, "बी2सी स्टार्ट-अप्स ने वित्तपोषण की समस्याओं का सामना किया है जो कि बाद में कम हो गई. लेकिन अब बी2बी बाजार पर ध्यान दिया जा रहा है; अधिक से अधिक निवेशक बी2बी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि इसमें कम पूंजी की आवश्यकता है.उन्होंने आयकर विभाग द्वारा स्टार्टअप को जारी नोटिस का हवाला देते हुए कहा कि स्टार्टअप्स को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना नियामक और अनुपालन मोर्च पर करना पड़ता है.
इंफोसिस के पूर्व अधिकारी ने कहा कि स्टार्टअप के लिए नियमों और अनुपालन को और अधिक सरल तथा अनुकूल बनाया जाना चाहिए.आयकर विभाग द्वारा सभी स्टार्टअप कंपनियों को वित्तपोषण को लेकर जारी किए नोटिस पर बालकृष्णन ने कहा कि इससे कोई मदद नहीं मिलने वाली है क्योंकि एक स्टार्टअप कंपनी से उम्मीद नहीं कर सकते कि वह जुटाई पूंजी पर कर देगी
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