Loading election data...

जानिए क्‍यों अप्रैल से 2000 से लेकर 20 हजार तक महंगे हो जायेंगे टू व्हीलर, ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा असर

हीरो मोटोकॉर्प, होंडा, यामाहा, बजाज, सुजुकी, रॉयल एनफील्ड सरीखी टू व्हीलर निर्माता कंपनियां मोटरसाइकल्स और स्कूटर्स की कीमतों में अप्रैल 2018 से महंगा कर सकती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार टू व्हीलर्स में सीबीएस यानी कॉम्बी ब्रेकिंग सिस्टम को अनिवार्य कर रही है. यह नियम 125 सीसी से कम इंजनवाली बाइक्स पर लागू होगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2018 5:44 AM
हीरो मोटोकॉर्प, होंडा, यामाहा, बजाज, सुजुकी, रॉयल एनफील्ड सरीखी टू व्हीलर निर्माता कंपनियां मोटरसाइकल्स और स्कूटर्स की कीमतों में अप्रैल 2018 से महंगा कर सकती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार टू व्हीलर्स में सीबीएस यानी कॉम्बी ब्रेकिंग सिस्टम को अनिवार्य कर रही है. यह नियम 125 सीसी से कम इंजनवाली बाइक्स पर लागू होगा. इसके साथ ही 125 सीसी इंजन से अधिकवाली बाइक्स में एबीएस देना भी जरूरी हो जायेगा. ये नियम 31 मार्च 2018 के बाद लॉन्च होनेवाले टू व्हीलर पर लागू होंगे. यही वजह है कि भारत में ज्यादातर स्कूटर्स और मोटरसाइकल्स में एबीएस दिया जाने लगा है.
इन फीचर्स के जरूरी होने के साथ ही वाहन की कीमत में इजाफा होना भी लाजिमी है. उदाहरण के तौर पर देखें तो रॉयल एनफील्ड पहले से ही यूरोपियन बाजार में एबीएस से लैस मोटरसाइकल्स एक्सपोर्ट करती है. यहां तक कि हिमालयन बीएस4 को भी यूरोप में एबीएस केसाथ ही निर्यात किया जाता है. ऐसे में सीबीएस और एबीएस फीचर्स को भारतीय बाइक्स में भी आसानी से ऑफर किया जा सकता है.
एक अप्रैल से लागू होने वाले बीएस4 नार्म्स के अनुसार अब सभी प्रोडक्ट्स बीएस4 इंजन से लैस हैं. एबीएस के बाइक में जुड़ने से कीमत 10 हजार से 20 हजार रुपये तक बढ़ जाती है. सीबीएस इसके मुकाबले काफी हद तक सस्ती है, इसके लगने से कीमत में 1,000 से 2,000 रुपये तक का इजाफा होता है. होंडा के ऐक्टिवा रेंज के स्कूटी और स्कूटर्स में सीबीएस पहले से ही दिया जाता है. दूसरी कंपनियां भी इसे लागू कर रही हैं.
ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा असर
क्या है सीबीएस (कॉम्बी ब्रेकिंग सिस्टम)
कॉम्बी ब्रेक सिस्टम में इक्विलाइजर लेफ्ट लीवर दबाते ही ब्रेकिंग फोर्स को आगे और पीछे के पहियों में बराबर बांट देता है. जिससे ब्रेक की दूरी कम हो जाती है. संतुलन बेहतर हो जाता है.
ऐसे में यह ब्रेकिंग राइडर को पारंपरिक ब्रेकिंग की तुलना में ज्यादा आत्मविश्वास देती है. सिंगल ब्रेक लीवर प्रेस करने पर सीबीएस फ्रंट और रियर ब्रेक्स को ऐक्टिवेट कर देता है. इससे ब्रेक और भी ज्यादा मजबूत हो जाता है. वाहन के फिसलने की आशंका भी कम होती है.
एबीएस (एंटी लॉकिंग ब्रेकिंग सिस्टम) को ऐसे समझें
एबीएस यानी एंटी लॉकिंग ब्रेकिंग सिस्टम. इसका मुख्य काम फिसलनवाले सतह पर गाड़ी को रोकनेवाली दूरी को कम करना होता है. गाड़ी में एबीएस होने से अचानक ब्रेक लगाने पर पहिये को लॉक या सीजींग रोटेशन के रोकने के साथ अनियंत्रित फिसलन को रोकता है. इसमें ब्रेक्स लॉक हो जाते हैं. यह बरसात में काफी कारगर है. चिकनी सड़क पर एबीएस तेज स्पीड में ब्रेक पर फिसलने से बचाने में मददगार है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version