वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आसियान देशों को दिया भारत में निवेश करने का न्योता

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को आसियान देशों को भारत में विशेषकर बुनियादी ढांचा तथा सेवा क्षेत्र में निवेश का न्योता दिया. आसियान-भारत व्यापार और निवेश बैठक में जेटली ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर पिछले 25 साल में तेज हुई है और निवेश देश की आर्थिक वृद्धि दर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2018 10:25 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को आसियान देशों को भारत में विशेषकर बुनियादी ढांचा तथा सेवा क्षेत्र में निवेश का न्योता दिया. आसियान-भारत व्यापार और निवेश बैठक में जेटली ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर पिछले 25 साल में तेज हुई है और निवेश देश की आर्थिक वृद्धि दर की संभावना को अगले दो तीन दशक तक देख रहे हैं.

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वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में बड़े आकार के बुनियादी ढांचा निवेश के अवसर हैं और हमें इसकी जरूरत है. भारत में बुनियादी ढांचा की कमी है. हम चाहते हैं कि भारत का घरेलू विनिर्माण बढ़े. सेवा क्षेत्र में हम निवेश के संदर्भ में बड़ी संभावना की पेशकश करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने विपरीत परिस्थिति में वृद्धि की अपनी क्षमता पहले ही प्रदर्शित कर दी है.

एक स्थान पर सोर्सिंग का गंतव्य बन सकता है भारत : ईरानी

वहीं, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि भारत में आसियान के ब्रांडों और खुदरा कारोबारियों के लिए एक स्थान पर सोर्सिंग (खरीद) का गंतव्य बनने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि 10 राष्ट्रों के ब्लॉक के परिधान विनिर्माताओं के लिए यहां निवेश करने के भारी अवसर हैं. घरेलू बाजार का लाभ उठाने के अलावा वे यहां से निर्यात भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत के पास सभी प्रकार के कपड़ों और परिधानों के उत्पादन और निर्यात की क्षमता है. इसमें सभी हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद शामिल हैं.

भारत, आसियान विश्व खाद्य बाजार में बना सकते हैं दबदबा : हरसिमरत कौर बादल

सम्मेलन में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि भारत और आसियान देशों में वैश्विक खाद्य बाजार में दबदबा बना सकने की क्षमता है, मगर इसके लिए प्रसंस्करण क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का अधिकतम दोहन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई 10 देशों के समूह आसियान के प्रत्येक देश को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपने अनुभव और तकनीक साझा करने का लाभ हो सकता है. इन 10 देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमर, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस, लाओस और वियतनाम शामिल हैं.

डिजिटल क्षेत्र में मिलकर करना चाहिए काम : प्रसाद

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि भारत को सॉफ्टवेयर क्षेत्र में महारथ हासिल है. साथ ही, बड़ी डिजिटल परियोजनाओं में उसकी विशेषज्ञता है. वहीं, आसियान देश हार्डवेयर क्षेत्र में अगुआ हैं, ऐसे में दोनों को एक दूसरे के पूरक होने के रास्ते तलाशने चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और आसियान सदस्य देश क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. इसके इस साल के अंत तक ठोस रूप लेने की संभावना है. 16 सदस्यीय आरसीईपी में 10 आसियान सदस्य देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनिशया, मलेशिया, म्यांमा, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीवीन, लाओस तथा वियतनाम) तथा छह एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) भागीदार (भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड) हैं.

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