इस बार एक फरवरी को देश का आम बजट संसद में पेश होगा. बजट में क्या होगा और क्या होना चाहिए, इस पर तो कई तरह की चर्चाएं होती हैं लेकिन देश के वित्त मंत्री द्वारा लगभग 2 घंटे तक संसद में नॉन-स्टॉप पढ़ा जाने वाला बजट तैयार कैसे होता है, यह कम ही लोग जानते होंगे. आइए जानें –
अगस्त-सितंबर के महीने में वित्त मंत्रालय आम बजट के लिए तैयारियां शुरू कर देता है. सभी विभागों, मंत्रालयों को एक सर्कुलर भेजा जाता है. इस सर्कुलर में उन विभागों से अपने खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्योरा और फंड की जरूरत की जानकारी मांगी जाती है. इससे बजट की आगे की राह तय होती है.
बजट की तैयारियों के ही तहत नवंबर महीने में इंड्रस्ट्री, अर्थशास्त्रियों, ट्रेड यूनियनों, कृषि से जुड़े लोगों और राज्यों के वित्त मंत्रियों से राय ली जाती है. बजट में क्या हो और क्या न हो, वित्त मंत्रालय इसके बारे में मशविरा करता है.
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बजट डॉक्युमेंट्स की छपाई का काम बड़े गोपनीय तरीके से नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने सरकारी प्रिटिंग प्रेस में होता है. यहां सीसीटीवी कैमरों और इंटेलीजेंस ब्यूरो की निगरानी में छपाई का काम पूरा होता है.
बजट तैयार करनेवाले अधिकारियों को एक हफ्ता पहले से किसी से भी संपर्क नहीं करने दिया जाता है. ऐसा इसलिए ताकि बजट की कोई जानकारी लीक ना होने पाये.
बजट की तय तारीख से दो दिन पहले प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के अधिकारी बजट की स्पीच तैयार करते हैं. इस टीम में सरकार के पब्लिक रिलेशन विभाग और प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के 20 अधिकारी शामिल होते हैं. ये अधिकारी अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में प्रेस रिलीज तैयार करते हैं.
आम बजट को संसद में पेश करने से पहले उसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाता है. वित्त मंत्री लोकसभा में बजट सुबह 11 बजे पेश करते हैं. बजट पेश होने के बाद उस पर चर्चा होती है. साधारण तौर पर ये चर्चा 2-4 दिन तक चलती है.
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